यूनानी पद्धति से संभव है अल्जाइमर और पार्किं संस का इलाज
नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)। यूनानी पद्धति से अल्जाइमर और पार्किं संस जैसी दिमागी बिमारियों का इलाज संभव है, लेकिन इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरफ पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया।
नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)। यूनानी पद्धति से अल्जाइमर और पार्किं संस जैसी दिमागी बिमारियों का इलाज संभव है, लेकिन इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरफ पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया।
दिल्ली में यूनानी पद्धती के प्रोफेसर महम्मद इदरीस ने कहा, "मधुमेह के लिए मेथी का इस्तेमाल या रक्त संचार ठीक रखने के लिए जोंक का इस्तेमाल करना, सभी यूनानी पद्धति के तरीके हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश इस पद्धति पर उतना ध्यान नहीं दिया गया जितना आयुर्वेद पर दिया गया।"
इदरीस ने उदाहरण दिया कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने अप्रैल में लातिन अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान आयुर्वेद की तारीफ में काफी कुछ कहा , लेकिन वहां भी उन्होंने यूनानी पद्धति को नजरअंदाज किया।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की तरह ही यूनानी पद्धति को भी व्यापाक प्रोत्साहन और प्रचार-प्रसार की जरूरत है। सरकार को इस पद्धति को लोकप्रिय बनाने के लिए उसी स्तर पर काम करना चाहिए, जिस स्तर पर आयुर्वेद के लिए किया जाता है।
इदरीस ने कहा कि यूनानी पद्धति भी आयुर्वेद की तरह ही मानव शरीर में मौजूद पांच तत्वों अग्नि, जल, मिट्टी, आकाश और वायु पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हकीम इब्न सिना ने सन 1025 में जब यूनानी पद्धती का विकास किया था तब वह केवल यूनानी और इस्लामिक चिकित्सा से ही नहीं बल्कि प्रचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली के प्रणेता सुश्रुत और चरक से भी प्रभावित थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।