गरीबों की पहुंच से दूर हैं फ्लोराइड टूथपेस्ट
वाशिंगटन, 13 जून (आईएएनएस)। दांतों को गिरने से रोकने के लिए इस्तेमाल होनेवाले फ्लोराइड टूथपेस्ट महंगे होने के कारण दुनिया के सबसे गरीब तबके की पहुंच से बाहर हैं।
जार्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है। मांग की जा रही है कि फ्लोराइड टूथपेस्ट का उत्पादन करने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियां विकासशील देशों में इसकी कीमतें कम करें।
अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि विकासशील देशों में भोजन से संबंधित आदतों का पश्चिमीकरण हो गया है। वे अब कार्बोहाइड्रेट से भरपूर परिष्कृत शक्कर वाले खाद्य पदार्थो का इस्तेमाल करने लगे हैं जिससे दांतों के गिरने की बीमारी दिनोदिन बढ़ रही है।
गरीब देशों में दांतों की देखभाल की महंगे और अपर्याप्त व्यवस्था से जाहिर होता है कि वहां आम तौर पर दांतों के गिरने की बीमारी का उपचार नहीं किया जाता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि फ्लोराइड टूथपेस्ट की कीमतें कम करने से गरीब देशों में इसकी पहुंच बढ़ेगी जिससे दांतों के गिरने की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।
जार्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय के ऐन गोल्डमैन ने कहा, "चूंकि दांत गिरने से रोकने में फ्लोराइड टूथपेस्ट सहायक है, इसलिए इसकी उपलब्धता दुनिया के सबसे गरीब लोगों तक होनी चाहिए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
**