सात वर्षो के रिकार्ड स्तर तक जा पहुंची मुद्रास्फीति (लीड-1)
नई दिल्ली, 13 जून (आईएएनएस)। सरकार की तमाम कोशिश के बावजूद मुद्रास्फीति की दर सात वर्षो के रिकार्ड स्तर पर जा पहुंची है। 31 मई को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान मुद्रास्फीति (महंगाई) की दर 8.75 प्रतिशत हो गई, जो इससे पहले के सप्ताह के दौरान 8.24 प्रतिशत थी।
इससे पहले 10 फरवरी 2001 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान मुद्रास्फीति की दर 8.77 प्रतिशत के स्तर पर थी।
गौरतलब है कि मुद्रास्फीति से संबंधित ताजा आंकड़े पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में हुई हालिया वृद्धि से पहले के सप्ताह के हैं। इसलिए विश्लेषकों ने आशंका जताई है कि मुद्रास्फीति की दर दो अंकों तक जा सकती है, हालांकि अभी भी सरकार का कहना है कि वह कीमतें नियंत्रित करने का भरपूर प्रयास कर रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें बढ़ने के कारण मुद्रास्फीति की दर में 80 आधार अंकों की और बढ़ोतरी हो सकती है।
रेटिंग एजेंसी 'क्रेडिट रेटिंग इंफोर्मेशन एंड सर्विसेज लिमिटेड' के प्रमुख अर्थशास्त्री डी. के. जोशी ने कहा, "मुद्रास्फीति की उच्च दर आशंका के अनुरूप है। ईंधन की कीमतें बढ़ने की वजह से अगले सप्ताह तक यह 9 प्रतिशत का आंकड़ा भी पार कर सकती है।"
शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान मुद्रास्फीति में ताजा बढ़ोतरी खाद्य और गैर खाद्य दोनों तरह की वस्तुओं की कीमतें बढ़ने के कारण हुई है। इस दौरान अंडे, दालों, फलों, सब्जियों और मांस समेत खाद्य तेल, जैसी वस्तुओं की कीमतें 0.6 प्रतिशत बढ़ी और गैर खाद्य सामग्री की कीमतों में 1.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई ।
मुद्रास्फीति से संबंधित ताजा आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सरसों तेल 6 प्रतिशत, तेल केक और कपास के बीज का तेल 3 प्रतिशत और मुंगफली का तेल एक प्रतिशत महंगा हुआ है। इस दौरान निर्मित उत्पाद एक प्रतिशत, कपड़े 3.9 प्रतिशत और चमड़ा एवं इसके उत्पाद 1.3 प्रतिशत महंगे हो गए।
इस दौरान लगभग सभी वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। केवल रबर और प्लास्टिक उत्पाद तथा बुनियादी धातुओं की कीमतों में 0.1 प्रतिशत की मामूली कमी दर्ज की गई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*