बुंदेलखंड में जमीन फटी, उप्र सरकार गंभीर
लखनऊ , 13 जून (आईएएनएस)। उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने बुंदेलखंड में जमीन फटने की घटनाओं को गंभीरता से लिया है, जिसके बाद मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को हमीरपुर और जालौन जिलों में मौके पर जाकर क्षेत्र का मुआयना किया।
मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक और दीर्घकालिक उपाय किए जाएं। उन्होंने इस घटना के कारणों की गहनता से तकनीकी जांच हेतु विशेषज्ञों से सहयोग लेने के भी निर्देश दिए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित क्षेत्रों के लोगों को प्रकृति से छेड़छाड़ एवं प्राकृतिक संसाधनों का अविवेकपूर्ण दोहन न करने के लिए जागरूक भी किया जाए। उल्लेखनीय है कि हमीरपुर जिले में 13 और जालौन में पांच स्थानों पर जमीन फटने की घटनाएं घटित हुई हैं। मुख्य सचिव ने हमीरपुर जिला मुख्यालय के गांवों और जालौन जिले के कालपी व सूरजपुर गांव में जाकर मौके पर निरीक्षण किया है।
मुख्य सचिन ने कहा कि ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए व्यापक कार्य योजनाएं बनाई जाएंगी और भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के सदस्यों के साथ मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के बारे में विस्तृत चर्चा की जाएगी।
मुख्य सचिव ने बताया कि भू-गर्भ जल निदेशालय और राज्य भू-तत्व निदेशालय के विशेषज्ञों की टीमों ने दोनों प्रभावित जिलों में मौके का मुआयना किया। दलों का कहना है कि भू-गर्भ जल के उथले स्ट्राटा के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं। यह स्ट्राटा अत्यधिक जल दोहन अथवा समुचित मात्रा में रिचार्ज न होने के कारण सूख गया है, जिसमें एकाएक पानी भर जाने और दबाव उत्पन्न होने की वजह से यह घटनाएं हुई हैं।
इस समस्या पर गंभीरता से विचार करने के लिए मुख्य सचिव द्वारा लखनऊ में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ बैठक आयोजित की गई है ताकि स्थायी समाधान के लिए प्रभावी रणनीति तैयार की जा सके।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।