एशिया का पहला 'डीएनए बैंक' लखनऊ में
लखनऊ, 11 जून (आईएएनएस)। लखनऊ के बॉयोटेक पार्क में बुधवार को 'इकरा बोयोटेक सर्विसेज' द्वारा एशिया के पहले और विश्व के दूसरे मानव 'डीएनए बैंक' की शुरूआत की गई है। यह पहला मौका है जब 'डीएनए आइडेंटिफिकेशन सिस्टम' का इस्तेमाल आम व्यक्ति की पहचान के लिए किया जा रहा है।
लखनऊ बॉयोटेक पार्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी. के. सेठ ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 'डीएनए आइडेंटिफिकेशन सिस्टम' के जरिए 'स्मार्ट कार्ड' हासिल किया जा सकता है, जिसका उपयोग किसी भी स्थान पर पहचान सिद्ध करने के लिए किया जा सकेगा।
डीएनए बैंक के निदेशक डॉ. सईद अहमद ने बताया कि स्मार्ट कार्ड के जरिए कुछ ही सेंकड में ही व्यक्ति के नाम व पते से लेकर उससे जुड़ी समस्त जानकारियां कम्प्यूटर स्क्रीन पर सामने होंगी। अहमद ने बताया कि सूचना प्रौद्यागिकी व बॉयोटेक्नोलॉजी के सहयोग के जरिए इस तकनीक को विकसित किया गया है।
स्मार्ट कार्ड में फोटो के अलावा एक चिप में संबंधित जानकारियां दर्ज होंगी। इसमें यह सुविधा भी होगी कि यदि बेहोशी की स्थिति में कोई अपनी पहचान न बता पाए तो उसके फिंगर प्रिंट स्कैनर के जरिए बैंक से उक्त व्यक्ति से जुड़ी सारी जानकारियां पल भर में प्राप्त की जा सकेंगी।
बॉयोटेक पार्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी. के. सेठ ने बताया कि कार्ड बनवाने के लिए बॉयोटेक पार्क में अथवा वेबसाइट 'डीएनए बैंक इंडिया डॉट कॉम' पर फार्म भरना होगा और रक्त की चार बूंद देनी होंगी। इस कार्ड का मूल्य 640 रुपये रखा गया है जो 50 सालों तक मान्य होगा। बच्चों के लिए बनाए जाने वाले कार्ड का मूल्य 500 रुपये रखा गया है। सेठ ने बताया कि ये कार्ड 15 दिन बन जाएंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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