देश में अभी भी 1.7 करोड़ बाल मजदूर हैं! (संशोधित)
नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। देश में बाल मजदूरी पर रोक लगाने के सिलसिले में सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाने के तमाम दावों के बावजूद देश में अभी भी एक करोड़ 70 लाख बाल मजदूर हैं। एक गैर सरकारी संगठन 'चाइल्ड राइट्स एंड यू' (क्राई) ने बाल श्रम पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार से तत्काल कारगर कदम उठाने की मांग की है।
क्राई की निदेशक इला हुक्कू का कहना है कि सभी उद्योगों में बाल मजदूरी पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। उन्होंने बाल श्रम कानून के हवाले से बताया कि देश के हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए, इसके लिए बाल श्रम पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "वर्ष 1990 के बाद से देश में बाल श्रमिकों की संख्या में इजाफा ही हुआ है।"
12 जून को मनाए जाने वाले बाल श्रम निरोधी दिवस के अवसर पर क्राई ने मांग की है कि राज्य सरकारों को भी इस संबंध में पहल करनी चाहिए। संस्था का कहना है कि बाल श्रम (निषेध और विनिमयन) कानून 1986 के तहत बाल श्रमिकों की कुल संख्या का में से केवल 15 फीसदी बाल श्रमिक ही कानून के दायरे में आते हैं।
बाल श्रमिकों के ये आंकड़ें केवल कागजी ही नहीं हैं, बल्कि देश के प्रत्येक हिस्से में इसे देखा जा सकता है। क्राई का कहना है कि बाल श्रम पर केवल प्रतिबंध लगा देना ही इसका इलाज नहीं है, बल्कि समाज में फैली गरीबी और निरक्षरता को भी दूर करने की आवश्यकता है। वैश्विक समस्या का रूप ले चुकी बाल मजदूरी को समाप्त करने के लिए संस्था ने कहा कि सरकार के साथ समाज के विभिन्न वर्गो को भी कदम इस संबंध में कदम उठाना चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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