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राजधानी में रिहा हुए 62 बंधुआ बाल मजदूर

By Staff
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नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। राजधानी के सीलमपुर इलाके से बुधवार को 62 बंधुआ बाल मजदूरों को मुक्त करवाया गया। ये सभी बच्चे बिहार के सीतामढ़ी और मोतिहारी जिले से यहां लाए गए थे।

दिल्ली पुलिस और गैर सरकारी संगठन 'बचपन बचाओ आंदोलन' की संयुक्त छापामार कार्रवाई में सीलमपुर के घोंडा चौक से इन बच्चों को मुक्त करवाया गया है। ये सभी बच्चे यहां एक जरी कारखाने में काम कर रहे थे। 'बचपन बचाओ आंदोलन' के संस्थापक कैलाश सत्यार्थी संयुक्त छापामार कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे थे। गौरतलब है कि यह कार्रवाई 12 जून को विश्व बाल श्रम निरोधी दिवस के ठीक एक दिन पहले हुई है।

सत्यार्थी ने कहा, "इतने छोटे-छोटे बच्चों को बंधुआ बनाकर इनसे जबरन काम करवाना और साथ ही गलती होने पर उनकी पिटाई करना यह बताता है कि देश की राजधानी में ही हजारों बच्चे गुलामों की तरह जीवन व्यतीत कर रहे हैं।" मुक्त कराए गए सभी बच्चों की उम्र सात से 12 वर्ष के बीच है।

उप श्रमायुक्त के. आर. शर्मा ने बताया कि बाल मजदूरी करवाने वाले कारखाना मालिक के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि इन बच्चों को 'बाल श्रमिक बंधुआ मजदूरी उन्मूलन अधिनियम 1976' के तहत मुक्त करवाया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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