ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाईकोर्ट के स्थगन को खारिज किया
नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने कोलकाता उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोलकाता (आईआईएम-सी) के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में अन्य पिछड़े वर्गो (ओबीसी) के छात्रों के लिए 27 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था संबंधी केंद्रीय कानून को लागू करने से रोक लगा दी गई थी।
उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने के साथ ही प्रधान न्यायाधीश के. जी. बालकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आईआईएम कोलकाता सहित अन्य भारतीय प्रबंधन संस्थानों और उच्च शिक्षण वाले सभी सरकारी संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था को लागू करने की हरी झंडी दे दी है।
प्रधान न्यायाधीश के अलावा इस खंडपीठ के अन्य सदस्य थे न्यायमूर्ति ए. के. सेमा और न्यायमूर्ति पी. पी. नावलेकर।
सर्वोच्च न्यायालय ने कोलकाता उच्च न्यायालय के साथ-साथ दिल्ली व मुंबई के उच्च न्यायालयों मेंआरक्षण संबंधी सभी सुनवाइयों पर भी रोक लगा दी है। दिल्ली और मुंबई की अदालतों में कोलकाता की ही तर्ज पर याचिकाएं दाखिल की गई थी। खंडपीठ ने इन याचिकाकर्ताओं को भी नोटिस जारी किया है।
अदालत ने कोलकाता उच्च न्यायालय को फटकार लगाते हुए कहा, "हम कोलकाता उच्च न्यायालय के फैसले के आदेश को बरकरार नहीं रख सकते। क्या कोलकाता उच्च न्यायालय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को रोक सकता है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।