'कश्मीरी पंडितों की हत्या पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की रिपोर्ट झूठी'
नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)। कश्मीरी पंडितों के एक समूह 'रूट्स इन कश्मीर' ने कश्मीरी पंडितों की हत्या पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की रिपोर्ट को नकारते हुए कहा कि यह रिपोर्ट झूठी और मनगढं़त है। समूह ने कहा कि उसके पास जो आंकड़े हैं वह राज्य पुलिस की रिपोर्ट को झूठा साबित करने के लिए काफी हैं।
'रूट्स इन कश्मीर' ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि कश्मीरी पंडितों को मारने वाले आतंकवादी आज तक खुले घूम रहे हैं। कई को जमानत पर रिहा किया गया है क्योंकि पुलिस के पास उनके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं था। उनका कहना है कि अनेक मामलों में पुलिस खुद सबूत अदालत में रखना नहीं चाहती थी।
समूह के अनुसार केवल यासीन मलिक, जावेद मीर, बिट्टा कराटे ने ही 50 से अधिक पंडितों को मारा है।
इस दिशा में बिट्टा कराटे पर चलाए गए मामले में टाडा न्यायाधीश एन.डी. वाणी का बयान ध्यान देने योग्य है। उन्होंने कहा था, "यह अदालत जानती है कि अभियुक्त पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं और इनके लिए मृत्युदंड दिया जा सकता है, लेकिन सच यह है कि प्रतिपक्ष ने मामले में बिल्कुल भी रुचि नहीं दिखाई। यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।"
'रूट्स इन कश्मीर' के अनुसार पनुन कश्मीर मूवमेंट के पास 1989 से अक्तू बर 1990 के बीच मारे गए 319 कश्मीरी पंडितों की सूची है। इसमें मारे गए लोगों के बारे में समूची जानकारी है।
समूह का कहना है कि एक ओर तो सरकार पंडितों को घाटी में लौट जाने को कहती है। वहीं दूसरी ओर वह यासीन मलिक जैसे व्यक्तियों को मंत्रणा के लिए आमंत्रित करती है। इससे सरकार की कश्मीर पंडितों से जुड़े मसलों को सुलझाने की अनिच्छा प्रकट होती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।