यूरोपीय संघ और भारत जैव प्रौद्योगिकी शोध में सहयोग करेंगे
ब्रसेल्स, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। यूरोपीय संघ (ईयू) और भारत जैव प्रौद्योगिकी शोध, विशेषकर खाद्यान्न और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग करेंगे।
हाल ही में ईयू के अधिकारियों की भारत यात्रा और भारतीय अधिकारियों की ब्रसेल्स यात्रा के बाद इस मुद्दे पर सहमति बनी है।
यूरोपियन यूनियन की प्रेस सेवा 'कोर्डिस' के अनुसार पिछले दिनों स्वास्थ्य एवं पोषण को बीमारियां को रोकने हेतु इस्तेमाल में लाए जाने की विधियों पर बैठक हुई थी।
यूरोपियन कमीशन के खाद्यान्न, स्वास्थ्य और कल्याण सेवा के शोध निदेशक आंटोनियो डि गियुलियो के अनुसार, "ईयू के कुछ अग्रणी वैज्ञानिकों के साथ हमारी यात्रा का उद्देश्य भारत के खाद्यान्न शोध समुदाय के साथ संबंध मजबूत करना था।"
आंटोनियो डि गियुलियो के अनुसार उनकी भारत यात्रा बहुत सफल रही थी।
यूरोपीय संघ के अधिकारियों की यात्रा के दौरान अनाज, बेर और मछली के तेल से बनने वाले न्यूट्रास्यूटिकल्स पर विशेष तौर पर मंत्रणा की गई थी।
भारतीय अधिकारियों की ब्रसेल्स यात्रा के दौरान भी खाद्यान्न और न्यूट्रास्यूटिकल्स क्षेत्रों पर विमर्श किया गया था।
जैव तकनीकी विभाग के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के प्रमुख और भारतीय दल के शीर्ष एस. नतेश ने कोर्डिस को बताया, "ईयू हमारे लिए बेहद जरूरी क्षेत्र है। हम उनके शोध और विकास का बहुत सम्मान करते हैं और हमारा मानना है कि दोनों एक दूसरे को सहयोग देने की क्षमता रखते हैं।"
उन्होंने कहा, "हमारे पास उत्पादन की बहुत पुख्ता व्यवस्था है। अब हम खोज और विकास की दिशा में भी प्रवेश कर रहे हैं। पारंपरिक तौर पर ईयू एक ऐसा क्षेत्र है जहां काफी विकास किया जा चुका है।"
नतेश के अनुसार ईयू और भारत एक दूसरे से सहयोग कर नए उत्पाद, विधियां और जन उपयोगी क्षेत्र के लिए कार्य कर सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।