मुद्रा स्फीति के बारे में सरकार चिंतित,महंगाई पर कदम उठाएगी
नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि देश में बढ़ती मुद्रा स्फीति वैश्विक बाजार से प्रभावित है। लेकिन जरूरी वस्तुओं की कीमतें स्थिर रखने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठा सकती है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सिब्बल ने पत्रकारों से कहा, "सरकार बढ़ती मुद्रास्फीति को लेकर चिंचित है। यदि जरूरी हुआ तो खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती और चावल के निर्यात पर पाबंदी जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।"
फिलहाल मंत्रिमंडल की बैठक में मुद्रा स्फीति के बारे में चर्चा नही हुई है। गौरतलब है कि 29 मार्च को मुद्रा स्फीति की दर पिछले 41 महीने के उच्चतम स्तर 7.41 प्रतिशत पर चली गई थी।
मुद्रा स्फीति के मुद्दे पर मंत्रिमंडलीय बैठक में चर्चा नही होने की बात स्वीकार करते हुए सिब्बल ने कहा, "मुद्रा स्फीति में वर्तमान उछाल घरेलू नीतियों में किसी कमी की वजह से नही है। यह एक वैश्विक परिघटना है। हम आयातित मुद्रा स्फीति के परिणाम भुगत रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें स्थिर होने में थोड़ा वक्त लगेगा। फिलहाल चीन में मुद्रा स्फीति की दर 8.7 प्रतिशत, रूस में 11.9 प्रतिशत, आर्जेटीना में 7.3 प्रतिशत और तुर्की में 8.1 प्रतिशत है।
सिब्बल ने कहा कि मुद्रा स्फीति स्थिर रखने की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकारों दोनों की है। राज्य सरकारों को भी जमाखोरी और मुनाफाखोरी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।