अब चश्में बनाने में होगा कार्बन डाईआक्साइड का इस्तेमाल
वाशिंगटन, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन के दिनोंदिन बढ़ते दुष्प्रभावों के मद्देनजर वैज्ञानिकों ने कार्बन डाईआक्साइड गैस के उचित प्रयोग का रास्ता ढूंढ़ निकाला है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस उत्सर्जित गैस का प्रयोग डीवीडी, कारों की हेडलाइटों, चश्मों के लैंस व शराब की बोतलों इत्यादि को बनाने में किया जा सकेगा।
अमेरिकन केमिकल सोसायटी में मंगलवार को आयोजित एक व्याख्यान के दौरान सेंटर फार कैटलायसिस के थॉमस मुलर ने कहा, "कार्बन डाइआक्साइड गैस के प्रयोग से जलवायु परिवर्तन जैसी समस्या से पूरी तरह से तो नहीं निपटा जा सकेगा लेकिन कुछ हद तक इस समस्या को हल किया जा सकेगा।"
उन्होंने कहा कि उक्त वस्तुओं के निर्माण में इसका इस्तेमाल एक सस्ते कच्चे पदार्थ के रूप में किया जा सकेगा।
इस मौके पर जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एडवांस इंडस्ट्रियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक टोशियासु साकाकुरा ने बताया, "कार्बन डाईआक्साइड के प्रयोग से ग्राहकों को भी सुविधा होगी।"
उन्होंने कहा कि इससे ग्राहकों को अपेक्षाकृत अधिक बढ़िया व सुरक्षित वस्तुओं के प्रयोग का मौका मिलेगा।
वैज्ञानिकों ने बताया कि प्लास्टिक और बैट्री के घटकों के विकल्प के रूप में भी इस गैस का प्रयोग किया जा सकेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।