डीजीपी बनकर जालसाजी करने वाला गिरफ्तार
वाराणसी, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। 'मैं डीजीपी बोल रहा हूं' वाराणसी पुलिस के लिए यह शब्द पिछले कई दिनों से सिर दर्द बना हुआ था। आज पुलिस ने उस वक्त राहत की सांस ली, जब एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने प्रेमशंकर नामक उस जालसाज को धर दबोचा।
चंदौली जिले का रहने वाला प्रेमशंकर सिंह कई महीनों से उच्च पुलिस अधिकारियों को डीजीपी उत्तर प्रदेश बनकर अपने विभिन्न फोन नम्बरों से काल किया करता था और पुलिस अधिकारियों का तबादला करवा कर अवैध तरीके से पैसा कमाता था।
वाराणसी जोन के आईजी प्रवीण सिंह ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि इसने फोन नम्बर 9839367681 से डीजीपी बनकर आरपीएफ के डीजीपी को कहा कि निरीक्षक अंजन चटर्जी का तबादला हबडा से बरासात कर दो। इसी तरह डीआईजी सीआईएसएफ को भी किसी काम के संबंध में आदेश दिया था।
शक होने पर पुलिस ने इस तरह के नंबर को सर्विलांस में डाला, तब जाकर यह जालसाज बड़ी मुश्किल से पुलिस के हत्थे चढ़ा है। आईजी प्रवीण सिंह ने बताया कि इसके द्वारा किए गए फोन से पुलिस विभाग काफी सकते में था। चूंकि इसके पास कई सिम कार्ड थे, इसलिए वह अब तक पुलिस कि पकड़ से बाहर रहा। अभियुक्त के पास से कई सिम कार्ड और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
प्रेमशंकर रेलवे का बर्खास्त कर्मचारी है जिसे 2001 में टिकट और रुपये के घोटाले में विजिलेंस टीम द्वारा दोषी पाया गया था। प्रेमशंकर को आईपीसी की धारा 57/08, 170/419/468/469/471/473/474 में निरूद्ध किया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।