बैतूल में नेता जोश में मगर मतदाता खामोश
बैतूल, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के बैतूल लोकसभा क्षेत्र का उपचुनाव कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है।
बैतूल, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के बैतूल लोकसभा क्षेत्र का उपचुनाव कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है।
इसलिए सभी पार्टियों ने अपनी सारी ताकत झोंक दी है, मगर मतदाताओं की उदासी ने नेताओं के माथे पर बल डाल दिए है।
इस संसदीय क्षेत्र के भाग्य का फैसला मतदाताओं को 12 अप्रैल को करना है। तीन बार से भाजपा का उम्मीदवार यहां जीतता रहा है। इसलिए भाजपा की कोशिश है कि इस पर उसका कब्जा बरकरार रहे। भाजपा के इस गढ़ में कांग्रेस सेंध लगाने की हर संभव कोशिश कर रही है। नेताओं के दौरे जारी हैं और वे अपने-अपने तरह से मतदाताओं को लुभाने की कोशिशें जारी रखे हुए हैं।
भाजपा की ओर से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर कमान संभाले हुए हैं वहीं कांग्रेस की ओर से केन्द्रीय मंत्री कमल नाथ और सुरेश पचौरी ने अपने को झोंक दिया है। सपा की ओर से महासचिव अमर सिंह, सांसद जयाप्रदा तथा जयाबच्चन ने कमान संभाल रखी है।
पूरे बैतूल संसदीय क्षेत्र में आम सभाओं और रैलियों का दौर जारी है। कांग्रेस जहां भाजपा की बखिया उधेड़ रही है वहीं भाजपा, कांग्रेस पर विकास के लिए सहयोग न करने का आरोप लगा रही है। इसके विपरीत सपा, भाजपा व कांग्रेस दोनों पर सीधा निशाना साध रही है।
नेताओं के दौरे जारी हैं। वादे पर वादे हो रहे हैं। मगर मतदाताओं का कोई रूझान सामने नहीं आ पा रहा है। पान की दुकान चलाने वाले मुकेश चढ़ोरकर कहते हैं कि चुनावों में कौन जीतेगा कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी पार्टी प्रचार में पीछे नहीं है। वहीं एक बुजुर्ग बाबूलाल कहते हैं कि जीते कोई भी उन्हें क्या लाभ। उनका अभी तक का यही अनुभव रहा है।
मतदाताओं के इसी रूझान और चुप्पी ने नेताओं को चक्कर में डाल दिया है कि वे कौन सा रास्ता अपनाएं जिससे मतदाता उनके दीवाने हो जाएं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।