विपक्ष ने मलेशियाई को इस्लामिक राज्य बनाने का विरोध किया
कुआलालंपुर, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। मलेशिया के विपक्षी दल डेमोक्रेटिक एक्शन पार्टी (डीएपी) ने कहा है कि वह इस्लाम को देश का आधिकारिक धर्म तो मानती है लेकिन उसे देश को इस्लामिक राज्य बनाना स्वीकार्य नहीं है।
डीएपी के भारतीय मूल के अध्यक्ष करपाल सिंह ने कहा कि वह पैन इस्लामिक मलेशियन पार्टी (पीएएस) द्वारा मलेशिया को एक इस्लामिक राज्य बनाने और हुदूद कानून लागू किए जाने के विरोधी हैं।
डीएपी और पीएएस ने पर्ती कीदलान रक्यात (पीकेआर) के साथ मिलकर पकातान रक्यात गठबंधन का गठन किया है। हालांकि वह सत्तारूढ़ बरिसान नेशनल से चुनाव हार गया था।
विपक्षी गठबंधन को संसद में 82 सीटें मिली थीं और पांच राज्यों में भी उसे जीत हासिल हुई है।
सिंह ने 'द स्टार' समाचार पत्र को बताया, "चीनी और भारतीय लोग केलंतन (विपक्ष चालित राज्य) में खुश हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह देश को इस्लामिक राज्य बनाने पर राजी हो जाएंगे।"
उन्होंने कहा कि डीएपी ने इस्लाम को उसी तरह देश का आधिकारिक धर्म माना है जैसा कि संघीय संविधान में कहा गया है।
इसके जवाब में पीएएस के आध्यात्मिक नेता निक अब्दुल अजीज निक ने करपाल सिंह की आलोचना की थी।
गौरतलब है कि मलेशिया की कुल दो करोड़ अस्सी लाख आबादी में 33 प्रतिशत चीनी और आठ प्रतिशत भारतीय मूल के लोग हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।