गंभीर खाद्यान्न संकट की गिरफ्त में है विश्व
शारजाह, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। विश्व के कई देशों में गंभीर सूखे की स्थिति और अनाज से जैव ईधन के निर्माण पर जोर देने के कारण दुनिया में खाद्यान्नों की आपूर्ति कम हो गई है। इससे पूरा विश्व खाद्यान्न संकट की गिरफ्त में है।
'गल्फ टुडे' समाचार पत्र के अनुसार अनाजों की बढ़ती हुई कीमतों का प्रभाव अब सड़कों पर लोगों के प्रदर्शनों से दिखाई देने लगा है। पूरी दुनिया में सरकारें कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए आयात और अन्य उपायों का सहारा ले रही हैं।
स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए पत्र ने विश्व बैंक की रिपोर्ट का हवाला दिया है जिसके अनुसार करीब 33 राष्ट्र बढ़ती हुई अनाज और तेल की कीमतों के कारण सामाजिक अशांति का सामना कर सकते हैं।
पत्र ने इसके लिए दक्षिणी हैती का उदाहरण दिया है जहां अनाज की बढ़ती कीमतों के विरोध में किए जा रहे प्रदर्शन दंगों में बदल गए और चार लोगों की मौत हो गई।
सूखे के कारण आस्ट्रेलिया को अपना गेंहू निर्यात कम करना पड़ा है। विश्व में गेंहू का भंडार 1979 के बाद से इस साल सबसे कम है। भारत, चीन और वियतनाम ने भी अपने चावल निर्यात में कमी की है। खाद्यान्नों की मंहगााई से निपटने के लिए इंडोनेशिया ने आयात शुल्क में भारी कमी की है।
खाद्यान्नों की बढ़ती मांग के कारण उनकी कीमत में 2005 के बाद से 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले महीने चावल की कीमत 19 वर्षो में सबसे अधिक और गेंहू की 28 वर्षो में सर्वाधिक और पिछले 25 वर्षो की करीब दुगुनी थी।
खाद्यान्नों की मांग में वृद्धि का प्रमुख कारण बढ़ती हुई जनसंख्या है जो अनुमानों के अनुसार इस सदी के मध्य तक बढ़कर नौ अरब हो जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
**