दवा कंपनियां अनुसंधान के लिए भारत को देती हैं तवज्जो
नई दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। विश्व की प्रतिष्ठित दवा कंपनियां अनुसंधान के लिए भारत को अपनी पहली पसंद मानती हैं।
इस लिहाज से भारत अपने पड़ोसी देश चीन को काफी पीछे छोड़ चुका है। इन तथ्यों का खुलासा योजना आयोग द्वारा बुधवार को जारी ताजा रिपोर्ट से हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वैश्विक दवा कंपनियां विभिन्न रोगों से संबंधित 139 अनुसंधान कर रही हैं जबकि चीन में यह आंकड़ा केवल 98 तक ही सिमित है।
वर्तमान में हमारे देश में 20 चिकित्सकीय अनुसंधान संगठन और 80 सरकारी-गैर सरकारी अस्पताल विभिन्न रोगों के अनुसंधान में जुटे हुए हैं।
जानकारों के मुताबिक विकसित देशों की तुलना में भारत में चिकित्सक, नर्स और आईटी स्टाफ सस्ते में मिल जाते हैं।
वहीं दूसरी ओर औद्योगिक देशों में अनुसंधान के लिए कंपनियों को इस मद में तीन गुना अधिक खर्च करना पड़ता है।
इसी प्रकार उच्च श्रेणी के अस्पताल, इस क्षेत्र से जुड़े उच्च श्रेणी के योग्य कर्मचारी व मधुमेह, हृदय रोगों व मनोरोगों से जुड़े मरीजों की बहुलता के कारण भी दवा कंपनियों को भारत में अनुसंधान करने में आसानी हो रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक औद्योगिक देशों की तुलना में भारत में अनुसंधान में केवल 20-60 फीसदी खर्च आता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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