ऐसे भेदता है एचआईवी हमारे प्रतिरक्षा-तंत्र को
लंदन, 1 अप्र्रैल (आईएएनएस)। एचआईवी हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को धोखा देने के लिए हमारी कोशिकाओं का सहयोगी बनकर हमारे शरीर में दाखिल होता है न कि किसी शत्रु की तरह। यह बात एक नये अध्ययन से पता चली है।
अध्ययन में पाया गया है कि जब किसी को साधारण सी सर्दी भी होती है तो हमारी प्रतिरक्षा तंत्र तुरंत ऐसी कोशिकाएं पैदा करती हैं जो दूसरे वायरस से लड़ने के लिए तैयार होती हैं।
लेकिन जब एचआईवी मानव की कोशिकाओं में जगह पाना चाहती है तो वह अपना असर पीड़ित पर आजीवन डालने में सफल हो जाती है।
मिशिगन विश्वविद्यालय की अनुसंधानकर्ता कैथलीन कोलिंस के अनुसार, "एचआईवी 'नेफ' नामक एक ऐसा प्रोटीन पैदा करता है जो मनुष्य के प्रतिरक्षा-तंत्र को बांध देता है और बीमारी से लड़ने नहीं देता और धीरे-धीरे प्रतिरक्षा तंत्र को खत्म कर देता है।"
उन्होंने कहा कि हमने एचआईवी क ो अच्छे से जान लिया है। अब हम एक बेहतर स्थिति में पहुंच चुके हैं। जो एड्स से लड़ने वाली दवाओं को विकसित करने में मदद करेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।