खाद्य प्रसंस्करण पर उत्पाद शुल्क समाप्त करने का आग्रह
नयी दिल्ली. 7 फरवरी..वार्ता.. छोटे उद्योगों का प्रतिनिधित्व करने वाले पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल ने सरकार से आगामी बजट में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को उत्पाद शुल्क से मुक्त रखने का आग्रह किया है
वित्त मंत्रालय को भेजे बजट पूर्व ग्यापन में पीएचडी मंडल ने कहा है कि पूरी खाद्य उत्पाद श्रंृखला पर उत्पाद शुल्क घटाकर कर शून्य कर दिये जाने से यह क्षेत्र प्रतिस्पर्धी हो जायेगा और इसमें निवेश के अवसर बढेंगे जिसका लाभ रोजगार सृजन के प में सामने आयेगा
पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग के अध्यक्ष डा. एल.के. मल्होत्रा ने ग्यापन में कहा है कि प्रसंस्कृत खाद्य पदाथोर्ं पर विभिन्न स्तरों पर लागू भारी कराधान की वजह से यह क्षेत्र निवेश के लिहाज से हतोत्साहित करने वाला बना हुआ है1 उन्होंने माना कि कृष िक्षेत्र में प्राथमिक कृष िउत्पाद तो शुल्कादि से मुक्त हैं लेकिन प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुओं पर तीन प्रतिशत केन्द्रीय उत्पाद शुल्क लागू है. इसके अलावा ज्यादातर खाद्य वस्तुओं पर राज्यों में 12.5 प्रतिशत की दर से मूल्य वर्धित कर .वैट. भी लगाया जाता है1 ऊपर से प्रवेश कर. चुंगी आदि भी विभिन्न राज्यों में देना पडता है1 उत्तर एवं मध्य भारत के दस राज्यों के लघु एवं मौले उद्योगों का प्रतिनिधित्व करने वाले देश के इस सबसे पुराने उद्योग मंडल का कहना है कि पिछले साल के बजट में सरकार ने इस दिशा में कदम बढाते हुये कई प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों पर उत्पाद शुल्क घटाकर शून्य कर दिया था लेकिन इसके बावजूद अभी भी वनस्पति जूस तथा इसके दूसरे उत्पाद. चीनी से बने उत्पाद. 100 रपये प्रतिकिलो से अधिक एमआरपी वाले बिस्कुट और इंस्टेंट कॉफी जैसे खाद्य उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लागू है
पीएचडी मंडल ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की इकाईयों की दूसरी समस्याओं को भी वित्त मंत्रालय के समक्ष रखा है1 ग्यापन में कहा गया है कि इस क्षेत्र के बेकरी. बिस्कुट और पैकेजिंग सामान में भी कई तरह की समस्यायें हैं1 यहां तक कि 1600 करोड पये के कारोबार वाले संगठित बेकरी उद्योग को भी प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिये काफी मशक्कत करनी पडती है1 राज्यों में इनके उत्पादों पर 12.5 प्रतिशत वैट लगता है जबकि पहले 8 प्रतिशत की दर से बिक्री कर लगता था1 यह उद्योग चीनी. दूध और दुग्ध उत्पादों. गुलूकोज के दाम बढने से पहले ही काफी तंगी महसूस कर रहा है1 घरेलू बाजार में उसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों से भी मुकाबला करना पड रहा है1 उन्होंने उद्योग को उत्पाद शुल्क से राहत देने की मांग की
महाबीर शिशिर राम1955वार्ता