नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देने से ही मानव अधिकारों का भविष्य सुरक्षित
जयपुर 31 जनवरी.वार्ता. राजस्थान के राज्यपाल एस के सिंह ने कहा है कि वर्तमान संदभो में मानव अधिकारों के संरक्षण के लिये यह आवश्यक हैं कि हम नैतिक शिक्षा को बढ़ावा दे1उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा को नये अथो में देखना होगा तथा उसमें अधिकाधिक मानवीय मूल्यों का समावेश करना होगा
राज्यपाल आज यहां राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि महाविधालय द्वारा आयोजित ..मानव अधिकारों का भविष्य कत्र्तव्य एवं नैतिक शिक्षा के विशेष संदर्भ में.. राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि पद की हैसियत से बोल रहे थे
श्री सिंह ने कहा कि मानव अधिकारों की चर्चा करने से पहले हमें इस बात पर विचार करना होगा कि क्या हम समाज के कमजोर वगो के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार कर पा रहे हैं1 उन्होंने गांधी साहित्य की चर्चा करतेहुये कहा कि गांधी साहित्य में केवल मानवीय कत्र्तव्यों का उल्लेख है ्अधिकारों का नहीं1 गांधीजी ने ज्ञान को संचित कर सवोच्च सत्ता कोमहत्ता प्रदान की
उन्होंने गांव की स्वच्छता की चर्चा की जिससे बीमारियों पर नियंत्रण स्वत ही हो. उत्पादन बढाने की बात की. ग्रामीण हस्तशिल्प एवं दस्तकारी की बात की1 गांधीजी के विचारों में कत्र्तव्य की पालना परबल था न कि अधिकारों की खोज पर1 गांधीजी के विचारों में अधिकारहमें परम सत्ता या समाज द्वारा प्रदान किये गये हैं
राज्यपाल ने कहा कि आज मानवीय अधिकारों के प्रति आदमी का नजरिया स्थिति के अनुकूल बदलता दिखाई देता हैं1 बडे राष्ट्र अपनेप्रभाव के कारण छोटे राष्ट्रों पर दबाव बनाने का प्रयत्न करते हैं1 श्री सिंहने कहा कि हमारा देश धर्म निरपेक्ष है तथा भारतीय संविधान ने सभी कोसमान अधिकार प्रदान किये हैं1 हमारे देश में अनेक धमो के मानने वालेहैं जो भारतीय संस्कृति का हिस्सा बन चुके हैं फिर भी धर्म के नाम परलोगों के साथ दुव्र्यवहार किया जाता है. जो ठीक नहीं हैं
बौद्ध. जैन. सिक्ख और हिन्दू धर्म हमारी धरती पर उत्पन्न हुये जबकि बाकी धर्म ईसा मसीह के बाद आये और यहूदी धर्म उससे भी पहले आ गया था1 इस्लाम भी अब चौदह सौ साल पुराना हो गया है1 इससे यह तय है कि सभी धर्म देश के आचरण में अपनी महत्ता रखते हैं1संविधान में दिये गये अधिकारों के अनुरुप किसी के साथ जाति. धर्म. भाषा और क्षेत्र के नाम पर भेदभाव नहीं किया जा सकता
सैनी संजीव मनोरंजन 2202 वार्ता.