नागालैंड में विपक्ष की लगभग गैरमौजूदगी के चलते संयुक्त जनतांत्रिक गठबंधन के तहत अपनी सरकार चला रहे मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं। इस गठबंधन में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीडीपी), भारतीय जनता पार्टी और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) भी शामिल हैं। हालांकि एनडीपीपी और भाजपा के बीच गठबंधन 2018 के चुनावों से पहले ही बन गया था। इसके अलावा एनपीएफ के 21 विधायक भी इस गठबंधन में शामिल हो गए और विपक्ष लगभग खत्म हो गया। 2018 के विधानसभा चुनाव में एनपीएफ को 26 सीटों, एनडीडीपी को 16 सीटों, भाजपा को 12 सीटों, एनपीपी को 2 सीटों और जेडीयू को 1 सीट पर जीत मिली थी।
इस बार भाजपा राज्य की 60 में से 20 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है, जबकि 40 सीटों पर एनडीडीपी के उम्मीदवारों का समर्थन करेगी। नागालैंड चुनाव में इस बार एक बड़ा मुद्दा यह भी है कि सात जनजातियां राज्य के 16 जिलों को काटकर एक अलग राज्य सीमांत नागालैंड की मांग कर रही हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में इस मसले का कोई हल निकालने के लिए एक बैठक की थ
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