बीजेपी सरकार ने बाढ़ से बचने के लिए उठाया बड़ा कदम, बदल दिया लोअर परेल का नाम
पिछले कई दिनों से मुंबई में बारिश हो रही है। बारिश से मुंबई की जनता बेहाल है। जनता का हाल बेहाल हो और नेता चैन से बैठ जाएं ये कैसे हो सकता है। वैसे ये अलग बात है कि हर साल बारिश होती है और मुंबई की जनता बेहाल होती है। बीएसमसी की गद्दी पर पिछले कई सालों से भाजपा-शिवसेना है लेकिन काम के नाम पर सिर्फ वादे किए जाते हैं। लेकिन वादे पूरे कब होंगे इसकी कभी तारीख नहीं बताई जाती।
अब वादे पूरे नहीं होते तो क्या है हम तो काम कर रहे हैं ना। ऐसा ही कुछ कहा जाता है कि नेता के नेताओं द्वारा। अब मुंबई को देखिए। बारिश ने जान-माल का नुकसान, एक तरफ तो मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी कहा जाता है वहीं दूसरी ओर इसकी हालात देखकर कोई भी हैरानी में पड़ जाए।
पिछले कुछ सालों में हमने देखा है कि भाजपा शासित राज्य में कई जगहों का नाम बदल दिया गया। नाम बदलने के पीछे कुल्लु भाई का कहना है कि काश नाम बदलकर किसी भी समस्या को ठीक किया जा सके। अगर ऐसा हो तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चाहें तो मुंबई के लोअर परेल का नाम भी बदल सकते हैं। लोअर परेल समुद्र किनारे का इलाका है, जिसमें पानी से तबाही मची हुई है। अगर नाम बदलने की नौबत आई तो सरकार नाम क्या रखेगी। इसके लिए अपर परेल सबसे अच्छा नाम हो सकता है।
मुंबई
का
नीचला
इलाका
अपर
हो
जाएगा
तो
मुसीबत
खत्म
ही
हो
जाएगी।
पिछले
कुछ
सालों
में
हम
देख
चुके
हैं
कि
हरियाणा
की
भाजपा
सरकार
ने
मेवात
का
नाम
नूह
कर
दिया।
गुडगांव
का
नाम
गुरुग्राम
कर
दिया।
ऐसे
कई
शहर
हैं,
जिनके
नाम
बदले
जा
सकते
हैं।
वैसे
मध्यप्रदेश
की
राजधानी
भोपाल
का
नाम
बदलने
की
बातें
भी
सामने
आ
रही
हैं।
(यह
एक
व्यंग्य
है।)