Fact Check: भारत से मिले पैसों से श्रीलंका ने मंगाए वाटर कैनन, जानिए क्या है असली सच?
नई दिल्ली, 07 मई: पड़ोसी देश श्रीलंका अपनी आजादी के बाद से सबसे बुरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। देश में उपजे बुरे हालातों के बाद जनता सड़कों पर उतर आ गई है और श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनकी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। श्रीलंका में जनता का विद्रोह तेज हो गया है। देश में पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने और मेडिकल सुविधाओं के संकट से सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जनता के विद्रोह को देखते हुए श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने फिर से आपातकाल लागू कर दिया है। इस बीच कई रिपोर्टस में दावा किया गया है कि भारत सरकार की ओर से दी गई क्रेडिट लाइन के तहत श्रीलंका सरकार ने वाटर कैनन वाहन को आयात किया है। ऐसे में क्या है इस दावे की सच्चाई, जानिए...
दरअसल, श्रीलंका में पनपे संकट के बाद एक पड़ोसी देश के रूप में भारत की ओर से मदद की जा रही है। भारत सरकार की ओर से श्रीलंका को क्रेडिट लाइन जारी की गई है, जिससे वो इस बुरे वक्त में खाने-पीने और जरूरी चीजों के लिए वहां की जनता की मदद कर सके। इस बीच रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारतीय क्रेडिट लाइन के तहत श्रीलंका ने वाटर कैनन वाहन को आयात किया है। जिस पर भारतीय उच्चायोग ने शनिवार को ट्वीट करके इस दावे को पूरी तरह झूठा बताया है।
We have seen reports that a water canon vehicle was imported by Government of #SriLanka under a credit line extended by Government of #India.These reports are factually incorrect. No water canon vehicles have been supplied by #India under any of the credit lines extended by(1/3)
— India in Sri Lanka (@IndiainSL) May 7, 2022
भारत ने श्रीलंका को भारत द्वारा दी गई क्रेडिट लाइनों के तहत श्रीलंका को वाटर कैनन वाहनों की आपूर्ति के दावों को खारिज किया है। श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने कहा, "हमने रिपोर्टें देखी हैं कि भारत सरकार द्वारा विस्तारित क्रेडिट लाइन के तहत श्रीलंका सरकार द्वारा एक वॉटर कैनन वाहन का आयात किया गया था। ये रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। भारत द्वारा किसी भी क्रेडिट लाइन के तहत वाटर कैनन वाहनों की आपूर्ति नहीं की गई है।"
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साथ ही आगे बताया गया कि भारत से श्रीलंका के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रेडिट लाइन का मकसद मौजूदा स्थिति में लोगों के लिए आवश्यक भोजन, दवाओं और अन्य जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता के साथ लोगों की मदद करना है। इस तरह की गलत रिपोर्ट श्रीलंका के लोगों के सामने चल रही चुनौतियों का सामना करने के लिए किए गए सहयोग और प्रयासों में कोई रचनात्मक योगदान नहीं देती है।
Fact Check
दावा
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय क्रेडिट लाइन से श्रीलंका सरकार ने वाटर कैनन मंगवाए।
नतीजा
दावा पूरी तरह से झूठा है। भारतीय उच्चायोग ने शनिवार को ट्वीट करके इस दावे को पूरी तरह झूठा बताया है।