योगी के नेतृत्व में यूपी में कैसा रहेगा भाजपा का प्रदर्शन, क्या कहती है उनके सितारों की चाल
ऩई दिल्ली। वैसे तो देश में चुनावी युद्ध चलते ही रहते है लेकिन 2019 में चुनावी महासंग्राम होने जा रहा है। सभी पार्टियां अपने-अपने हथियारों को तैयार करने में लगी है। इतिहास गवाह है जब-जब किसी विजेता को हराने में लोग अक्षम हुये है तो अपने विरोधियों को एकजुट करके पूरी शक्ति से विजेता के रथ को रोकने का अथक प्रयास करते है। किन्तु जब नियति किसी रथ की सारथी होती है तब वह रथ हजारों बाधाओं को पार करता हुआ अपने गंतव्य स्थान पर अवश्य पहुंचता है। इसी वर्ष मार्च में योगी सरकार को दो वर्ष पूरे हो जायेंगे। आईये इस अवसर पर जानते हैं योगी के नेतृत्व में यूपी में कैसा रहेगा भाजपा का प्रदर्शन ?
तनाव ग्रस्त रह सकते हैं सीएम योगी
19 मार्च सन् 2017 को योगी जी ने जिस समय मुख्यमन्त्री पद की शपथ ली थी। उस समय मिथुन लग्न उदित हो रही थी। उस दिन चन्द्रमा वृश्चिक राशि में होकर नीच अवस्था में था। वर्तमान में समय कुण्डली में बुध की दशा में शुक्र का अन्तर और शनि का प्रत्यन्तर चल रहा है। शनि का प्रत्यन्तर फरवरी 2019 से जुलाई 2019 तक चलेगा। इसी बीच अगामी लोकसभा के चुनाव होने है। शुक्र आपकी कुण्डली में पंचमेश होकर दशम भाव में उच्च का होकर बैठा है। शनि अष्टमेश व नवमेश होकर सप्तम भाव पर कब्जा जमाये हुये है। शनि की सप्तम दृष्टि आपकी लग्न पर पड़ रही है, जिस कारण आप बीच-बीच में नकारात्मक व तनाव ग्रस्त होते रहेंगे।
कठोर निर्णय ले सकते हैं सीएम योगी
लोकसभा चुनाव के दौरान शुक्र के अन्तर में शनि का प्रत्यन्तर चलेगा। ये दोनों ग्रह आपस में मैत्री भाव रखते है। शुक्र पंचमेश है, पंचम भाव जनता का कारक होता है। शनि अष्टमेश व नवमेश है। अष्टम भाव अप्रत्याशित परिणाम देता है व नवम भाव धर्म व भाग्य का द्योतक होता है। इन सभी ज्योतिषीय तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष यह निकलता है कि पहला- अर्धकुम्भ के समापान के बाद योगी अपने फुलफार्म में आकर कठोर से कठोर निर्णय लेने में देर नहीं करेंगे।
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