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क्या है कामना से हवन का रिश्ता, क्या है इसका महत्व?

देवताओं का अग्नि में यजन किया जाता है, इसे ही यज्ञ कहते है।

By पं. अनुज के शुक्ल
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लखनऊ। सनातन परम्परा में उल्लेख मिलता है कि भारत के चक्रवर्ती सम्राट अपने अधिकार, सम्मान, प्रतिष्ठा व यश प्राप्ति की कामना के लिए राजसूय यज्ञ व अश्वमेघ यज्ञ करते थे। राजा दशरथ ने पुत्र की कामना के लिए 'पुत्रेष्टि यज्ञ' किया था। धन वृष्टि व सुख-शान्ति के लिए अग्निहोत्र की परिपाटी लोक में आज प्रचलित है। अग्नि देवताओं का मुख है। इसे 'हुत भुक्', 'हव्यवाहन', 'सप्तजिह्र' आदि नाम पुकारा जाता है। देवताओं का अग्नि में यजन किया जाता है, इसे ही यज्ञ कहते है। read also : क्या है अक्षय तृतीया का महत्व, क्यों होता है इसका इंतजार?

ऋग्वेद के अनुसार 5 महायज्ञों का वर्णन है।

ऋग्वेद के अनुसार 5 महायज्ञों का वर्णन है।

1-ब्रह्ययज्ञ,
2-देवयज्ञ,
3-पितृयज्ञ,
4-बलिवैश्वदेव यज्ञ,
5-अतिथि यज्ञ आदि।

यज्ञों को करने से मुक्ति की प्राप्ति

यज्ञों को करने से मुक्ति की प्राप्ति

इन यज्ञों को करने से मुक्ति की प्राप्ति होती है। उक्त पॉच महायज्ञ, सन्ध्या, हवन, तर्पण, बलि त्याग और अतिथि सत्कार आदि नित्यकर्म के अनिवार्य अंग है। इनमें अग्निष्टोम से लेकर अश्वमेघ तक अग्नि में किये जाने वाले देवयज्ञों को ही 'अग्नि हीत्र' या हवन संज्ञा है। क्योंकि 'आग्नेय होत्रं यस्मिन कर्मणि तद् अग्नि होत्रम्' की वयुत्पति से सिद्ध है कि ये सब कामना यज्ञ है।

वेदों में कहा गया है

वेदों में कहा गया है

लोकहित की कमाना से किया गया हवन या यज्ञ वातावरण को शुद्ध करता है। वायु शुद्धि से लोक हित साधन होता है, देवताओं का आशीर्वाद मिलता है, धन की प्राप्ति होती है, अरोग्यता प्राप्त होती है, यज्ञानुष्ठान के बिना उत्साह, बैद्धिक बल व सत्य की प्राप्ति नहीं होती है।

हवन का वैज्ञानिक कारण

हवन का वैज्ञानिक कारण

सांइस भी इस तथ्य को स्वीकार करता है कि पदार्थ का सर्वथा अभाव नहीं होता है केवल रूप परिवर्तन होता है। हवन के लिए भी यह सत्य है। हवन सामग्री में सुगन्धित पौष्टिक मधु, जौ, तिल, घी एंव रोग नाशक औषधियों के मिश्रण से तैयार होती है। घृत युक्त यह सामग्री अग्नि में जलकर नष्ट नहीं होती अपितु राख और गैस के रूप में परिवर्तित हो जाती है। ठोस रूप में जल सामग्री के अणुओं को संघटित किये हुये था।

मूल तत्वों के साथ विद्यमान

मूल तत्वों के साथ विद्यमान

वह सब वाष्प रूप से अपने मूल तत्वों के साथ विद्यमान है। अग्नि वायु को उर्ध्वगामी बनाकर वायुमण्डल में प्रसारित करता है। अग्नि की विश्लेषक शक्ति से यह गैस प्राणियों और वनस्पतियों के लिए उपयोगी गैसों में बदलते हुये निश्चित दूरी तक उपर उठती है। वहां आकाशीय तापमान की शीतलता से वाष्प जल रूप होकर पृथ्वी पर बरसते है।

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English summary
Havan is a Hindu ritual performed in house, during house warming or if someone is ill, or on some special occasion.
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