VASTU TIPS : सही दिशा में होगा पूजा घर तो नहीं रहेगा तो होगा नुकसान
Vastu Tips in Hindi: पूर्व दिशा भगवान सूर्यदेव की दिशा होती है इसलिए पूर्व की ओर मुख करके पूजा, प्रार्थना करने से सुख-सौभाग्य और आरोग्य में वृद्धि होती है।
Vastu Tips: किसी भी घर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है पूजा घर। यही वह स्थान होता है जहां से पूरे घर में आध्यात्मिक और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। पूजा घर में बैठकर ही मनुष्य अपने ईष्ट देव, गुरु देव, पितृ देव, कुल देव आदि का पूजन करता है। इसलिए घर बनवाते समय उसमें वास्तुशास्त्र के नियमों का ध्यान रखते हुए पूजा घर बनवाया जाता है। यदि पूजा घर गलत दिशा में बना हुआ है तो उसके कारण कई तरह के वास्तु दोष घर में उत्पन्न होते हैं। आइए जानते हैं पूजा घर के लिए कौन सी नियमों का पालन करना आवश्यक है।
पूजा करने से मनुष्य की प्रवृत्ति सात्विक
वास्तु शास्त्र दिशाओं के अनुसार काम करता है। पूजा घर या देव स्थान के लिए उत्तर, पूर्व या ईशान दिशा सबसे उत्तम कही गई है। ये तीनों दिशाएं देव स्थान होती हैं। यदि आप भवन निर्माण कर रहे हैं तो पूजा घर इन्हीं तीन दिशाओं में बनवाना श्रेष्ठ रहता है। इनमें से भी ईशान कोण सबसे उत्तम होता है। इनमें पूजा करने वाले व्यक्ति का मुख ईशान दिशा में होता है। ईशान कोण जल तत्व प्रधान कोण है इसलिए यहां पूजा करने से मनुष्य की प्रवृत्ति सात्विक होती है और उसका मन स्वच्छ,निर्मल होता है।
पूजा घर बनवाने के नियम
- जैसा कि ऊपर बताया गया है पूजा घर उत्तर, पूर्व या ईशान दिशा में होना शुभ रहता है।
- पूजा घर ऐसी जगह हो जहां परिवार के सदस्यों का बार-बार आना-जाना न हो।
- पूजा घर का रंग पीला, केसरिया या हल्का हरा होना चाहिए। पीला रंग ऊर्जा का प्रतीक है, केसरिया रंग आध्यात्मिकता का और हरा रंग बौद्धिक क्षमता और मस्तिष्क को शांति देने वाला रंग है।
- प्रयास करें कि पूजा घर में सुबह के समय सूरज की रोशनी आती हो।
- पूजा घर में विद्युत बल्ब आदि लगाए जा सकते हैं किंतु ये किसी एक रंग के होने चाहिए, विविध रंगी न हों।
पूजा घर में ये भूलकर भी न करें
- पूजा घर में नीला, काला, तेज लाल, धूसर रंग नहीं करना चाहिए। काला या नीला रंग केवल शनि मंदिर के लिए ग्राह्य है।
- पूजा घर दक्षिण दिशा में होने से धन की हानि और मानसिक क्लेश रहता है।
- पूजा घर पश्चिम दिशा में होने से परिवार में सामंजस्य की कमी रहती है और पति-पत्नी में तनाव बना रहता है।
- पूजा घर बाथरूम या टायलेट से सटाकर नहीं बनाना चाहिए। दोनों की दीवार एक नहीं होने चाहिए। कुछ दूरी हो।
- पूजा घर बेडरूम या ड्राइंग रूम में भी नहीं बनवाना चाहिए।
- सीढ़ियों के नीचे पूजा घर बनवाने से धन का अभाव बना रहता है।
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