Vastu Shastra: कोर्ट कचहरी के मामलों में उलझा देता है 'वास्तुदोष'
नई दिल्ली। वास्तुशास्त्र का प्रभाव व्यक्ति के जीवन के प्रत्येक हिस्से पर पड़ता है। पारिवारिक सुख, संतान सुख, आर्थिक सफलता, मानसिक शांति जैसी कई बातें हैं जिन पर वास्तु का गहरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि आप किसी कोर्ट-कचहरी के मुकदमें में फंसे हुए हैं या किसी सरकारी मामले में उलझ गए हैं, तो यह सब भी वास्तु दोष के कारण हो सकता है। जी हां, यदि निवास स्थान में कोई वास्तुदोष है तो इससे मालिक को मुकदमा, आयकर छापे, पुलिस, प्रशासनिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
आइये जानते हैं वे कौन-कौन से वास्तुदोष हैं जिनके कारण व्यक्ति की पूरी जिंदगी कोर्ट-कचहरी के मामले निपटाते-निपटाते बीत जाती है।
घर का मुख्य प्रवेश द्वारा पूर्व-आग्नेयमुखी हो तो...
यदि घर का मुख्य प्रवेश द्वारा पूर्व-आग्नेयमुखी हो, तो घर का मालिक हमेशा अदालती विवाद, सरकारी मामलों में उलझा रहता है। अगर गृहस्वामी का बेडरूम अग्नि कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में है तो तो जितना धन आता है उससे ज्यादा धन कोर्ट-कचहरी के मामलों जाने का भय रहता है। इसलिए मालिक को हमेशा भवन के दक्षिण-पश्चिम भाग में सोना चाहिए।
कोर्ट-कचहरी के मामलों में व्यक्ति का खूब सारा धन व्यर्थ होता है
- यदि भवन का पूर्वी भाग मकान के अन्य कोणों से ज्यादा ऊंचा हो तो कोर्ट-कचहरी के मामलों में व्यक्ति का खूब सारा धन व्यर्थ होता है।
- घर का मुख्य द्वार उत्तर-पश्चिम कोण में होने पर होने पर अदालती विवाद होते हैं। ऐसे घर में रहने वाले मालिक को आयकर विभाग से जुड़ी दिक्कतें भी आती हैं।
- उत्तर-पूर्व कोण पर कोई भी अलमारी, शौचालय, कूड़ा करकट, गंदगी होने पर सरकारी मामलों में उलझन या लीगल मैटर्स परेशान करते रहते हैं।
- नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) बढ़ा हुआ हो तो शत्रु, अदालत, ऋ ण संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- वायव्य कोण ईशान कोण की अपेक्षा नीचा हो तथा साथ ही कुआं, बोरवेल, वॉटर पंप, गड्ढा आदि हो तो घर का मालिक अदालती कार्रवाई से जीवनभर घिरा रहता है।
- नैऋ त्य कोण हमेशा भारी रखना चाहिए। यदि वहां खाली स्थान है तो व्यक्ति का धन पुलिस के मामलों में खर्च होता है।
- घर के उत्तर-पश्चिम में यदि पानी का पंप या कुआं है तो दुश्मनी, मुकदमे, छल कपट व धोखे के साथ-साथ दैवी प्रकोप भी पैदा करता है।
- मुकदमों में सफलता पाने के लिए घर की पश्चिम दिशा में में ठोस-मोटी दीवार बनाएं।
उत्तर-पूर्व कोण
वायव्य कोण
मुकदमों में सफलता पाने के लिए करें ये उपाय
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