Ram Navami 2022: रवि-पुष्य के संयोग में मनेगा श्रीराम जन्मोत्सव
नई दिल्ली, 06 मार्च। अयोध्या के राजा और जन-जन के प्रिय भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव चैत्र शुक्ल नवमी 10 अप्रैल 2022 को रवि-पुष्य नक्षत्र के शुभ और दुर्लभ संयोग में मनाया जाएगा। इस दिन पुष्य नक्षत्र पूरे दिन-रात रहेगा। इसलिए यह दिन और भी अधिक विशिष्ट हो गया है। राम नवमी का दिन चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन भी होता है और इस दिन अनेक लोग वाहन, भूमि, भवन आदि भी खरीदते हैं इसलिए रवि-पुष्य के संयोग से इस दिन खरीदी का महामुहूर्त भी बना है।
पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा गया है। पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि और अधिष्ठाता देव बृहस्पति हैं इसलिए यह नक्षत्र सर्वसिद्धिदायक कहा गया है। पुष्य को ऋ ग्वेद में तिष्य अर्थात् शुभ या मांगलिक तारा कहा गया है। इसलिए पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्य हमेशा सफल होते हैं। पुष्य नक्षत्र के दौरान चंद्रमा स्वराशि कर्क में होता है। चंद्र धन का देवता है इसलिए पुष्य नक्षत्र में स्वर्णाभूषण, भूमि, भवन, संपत्ति आदि खरीदने का महामुहूर्त होता है।
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पुष्य नक्षत्र में क्या करें
- मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव पूजन पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग में करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होगी। जीवन में सदाचार, आपसी प्रेम में वृद्धि होगी। संयम, धैर्य और सहनशीलता के गुण विकसित होंगे।
- इस दिन चैत्र नवरात्रि का समापन होगा। मां दुर्गा के निमित्त हवन आदि करने से सुख-समृद्धि, धन-धान्य की प्राप्ति होगी।
- पुष्य नक्षत्र में वाहन, भूमि, भवन, आभूषण खरीदने से स्थायित्व में वृद्धि होगी।
- पुष्य नक्षत्र को पुष्ट करने वाला कहा गया है। इसलिए इस नक्षत्र में जो कार्य प्रारंभ किया जाता है वह पुष्ट होकर उसमें उत्तरोत्तर वृद्धि होती है।
- इस दिन नई दुकान, प्रतिष्ठान का शुभारंभ करना शुभ रहेगा।