वार और नक्षत्र से बनते हैं ये अशुभ योग, ना करें इनमें कोई काम
वैदिक ज्योतिष में विभिन्न् योगों का बड़ा महत्व होता है। इनमें शुभ और अशुभ दोनों तरह के योग होते हैं। शुभ ग्रहों की युति से बनने वाले योग शुभ फल देते हैं और बुरे ग्रहों की युति से बनने वाले योग अशुभ फल देते हैं। ग्रहों की युति के अलावा कई योग ऐसे भी होते हैं जो वार और नक्षत्रों के संयोग से बनते हैं। इनका भी महत्वपूर्ण रोल होता है। वार और नक्षत्रों के योग से भी शुभ और अशुभ दोनों तरह के योग बनते हैं। यदि अशुभ योगों में कोई कार्य प्रारंभ किया जाए तो उसमें सफलता मिलने में हमेशा संदेह बना रहता है। आइए आज जानते हैं वार और नक्षत्रों की युति से ऐसे कौन-कौन से अशुभ योगों का निर्माण होता है, ताकि आप अपने कार्य इन दुर्योगों में करने से बच सकें।
वैदिक ज्योतिष में वैसे तो वार-नक्षत्रों की युति से अनेकों योगों का निर्माण होता है, उन सभी को यहां देना संभव नहीं है लेकिन यहां चुनिंदा 10 योगों की जानकारी दी जा रही है।
क्या होता है यमघंट, कालदंड और उत्पात योग?
1.
यमघंट
:
रविवार
को
मघा,
सोमवार
को
विशाखा,
मंगलवार
को
आर्द्रा,
बुधवार
को
मूल,
गुरुवार
को
कृतिका,
शुक्रवार
को
रोहिणी
और
शनिवार
को
हस्त
नक्षत्र
आए
तो
यमघंट
योग
बनता
है।
इस
योग
में
कोई
शुभ
कार्य
नहीं
किया
जाना
चाहिए।
2.
कालदंड
:
रविवार
को
यदि
भरणी
नक्षत्र,
सोमवार
को
आर्द्रा,
मंगलवार
को
मघा,
बुधवार
को
चित्रा,
गुरुवार
को
ज्येष्ठा,
शुक्रवार
को
अभिजीत
और
शनिवार
को
पूर्वाभाद्रपद
नक्षत्र
आए
तो
यह
कालदंड
नाम
का
भयानक
अशुभ
योग
होता
है।
इसमें
यदि
कोई
व्यक्ति
कार्य
प्रारंभ
करे
या
कहीं
यात्रा
पर
निकले
तो
मृत्यु
तुल्य
कष्ट
की
आशंका
होती
है।
3.
उत्पात
:
रविवार
को
विशाखा,
सोमवार
को
पूर्वाषाढ़ा,
मंगलवार
को
धनिष्ठा,
बुधवार
को
रेवती,
गुरुवार
को
रोहिणी,
शुक्रवार
को
पुष्य
और
शनिवार
को
उत्तराफाल्गुनी
नक्षत्र
आए
तो
उत्पात
योग
बनता
है।
इस
योग
में
यदि
यात्रा
की
जाए
तो
दुर्घटना
का
अंदेशा
रहता
है।
किस योग में काम से होती है हानि
4.
वज्र
:
रविवार
को
यदि
आश्लेषा,
सोमवार
को
हस्त,
मंगलवार
को
अनुराधा,
बुधवार
को
उत्तराषाढ़ा,
गुरुवार
को
शतभिषा,
शुक्रवार
को
अश्विनी
और
शनिवार
को
मृगशिरा
नक्षत्र
आए
तो
व्रज
योग
बनता
है।
इस
योग
में
किए
गए
कार्य
में
सदैव
हानि
होती
है।
5.
लुंबक
:
रविवार
को
स्वाति,
सोमवार
को
मूल,
मंगलवार
को
श्रवण,
बुधवार
को
उत्तराभाद्रपद,
गुरुवार
को
कृतिका,
शुक्रवार
को
पुनर्वसु
और
शनिवार
को
पूर्वाफाल्गुनी
नक्षत्र
आए
तो
लुंबक
योग
बनता
है।
इसमें
आर्थिक
हानि
की
आशंका
होती
है।
6.
काण
:
रविवार
को
ज्येष्ठा,
सोमवार
को
अभिजीत,
मंगलवार
को
पूर्वाभाद्रपद,
बुधवार
को
भरणी,
गुरुवार
को
आर्द्रा,
शुक्रवार
को
मघा
और
शनिवार
को
चित्रा
नक्षत्र
हो
तो
काण
योग
बनता
है।
इस
योग
में
परिवार
या
यात्रा
के
दौरान
वाद-विवाद
की
आशंका
बनी
रहती
है।
दुर्योग में होती है धन हानि की आशंका
7.
मूसल
:
रविवार
को
अभिजीत,
सोमवार
को
पूर्वाभाद्रपद,
मंगलवार
को
भरणी,
बुधवार
को
आर्द्रा,
गुरुवार
को
मघा,
शुक्रवार
को
चित्रा
और
शनिवार
को
ज्येष्ठा
नक्षत्र
हो
तो
मूसल
योग
बनता
है।
इस
दुर्योग
में
धन
हानि
की
आशंका
रहती
है।
8.
मृत्यु
:
रविवार
को
अनुराधा,
सोमवार
को
उत्तराषाढ़ा,
मंगलवार
को
शतभिषा,
बुधवार
को
अश्विनी,
गुरुवार
को
मृगशिरा,
शुक्रवार
को
आश्लेषा
और
शनिवार
को
हस्त
नक्षत्र
आने
पर
मृत्यु
योग
बनता
है।
इस
दुर्योग
में
किए
कार्य
में
हानि
होती
है
और
यात्रा
में
मृत्यु
की
आशंका
रहती
है।
9.
गदा
:
रविवार
को
श्रवण,
सोमवार
को
उत्तराभाद्रपद,
मंगलवार
को
कृतिका,
बुधवार
को
पुनर्वसु,
गुरुवार
को
पूर्वाफाल्गुनी,
शुक्रवार
को
स्वाति
और
शनिवार
को
मूल
नक्षत्र
हो
तो
गदा
योग
बनता
है।
इस
योग
में
किया
गया
कार्य
सफल
नहीं
होता
और
रोग
की
आशंका
रहती
है।
10.
रक्ष
:
रविवार
को
शतभिषा,
सोमवार
को
अश्विनी,
मंगलवार
को
मृगशिरा,
बुधवार
को
अश्लेषा,
गुरुवार
को
हस्त,
शुक्रवार
को
अनुराधा
और
शनिवार
को
उत्तराषाढ़ा
नक्षत्र
हो
तो
रक्ष
योग
बनता
है।
इस
योग
में
भूलकर
भी
किसी
को
पैसा
उधार
ना
दें।