Palmistry: हाथों की लकीरों में छुपा है कैसा होगा विवाह
नई दिल्ली। आज की फास्ट लाइफ में विवाह एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। कई युवा विवाह के झंझटों में पड़ना नहीं चाहते, तो कई लोग विवाह करना तो चाहते हैं लेकिन उन्हें मनपसंद जीवनसाथी नहीं मिल रहा है। जन्म कुंडली की तरह हाथों की लकीरों से विवाह सुख का सटीक पता लगाया जा सकता है। इससे न केवल विवाह होने या न होने की जानकारी मिल जाती है, बल्कि विवाह के बाद आप सुखी रहेंगे या नहीं, विवाह किस उम्र के व्यक्ति से होगा, विवाह विच्छेद तो नहीं होगा, जैसी कई बातें पता की जा सकती हैं।हथेली में विवाह का कारक ग्रह शुक्र और गुरु है। हथेली में शुक्र पर्वत अंगूठे के निचले हिस्से में बड़ा फूला हुआ क्षेत्र होता है और गुरु पर्वत तर्जनी अंगुली के नीचे का हिस्सा होता है। यदि ये दोनों पर्वत पूर्ण विकसित और मजबूत हों तो अच्छे विवाह का योग बनता है। यदि ये पर्वत दबे हुए, कांतिहीन हों तो विवाह सुखी नहीं रहता। आइये जानते हैं विवाह से जुड़े और भी योग।
सुखी विवाह
- यदि हथेली में भाग्य रेखा का उद्गम चंद्र पर्वत से हो रहा हो।
- यदि भाग्य रेखा हृदय रेखा पर समाप्त हो जाती हो।
- यदि गुरु पर्वत पर क्रॉस का चिन्ह हो।
- यदि शुक्र पर्वत कम उभरा हुआ हो।
- यदि शुक्र पर्वत पर लाल रंग का तारे का चिन्ह हो।
- यदि विवाह रेखा पर द्वीप का चिह्न हो।
- यदि भाग्य रेखा पर क्रॉस हो।
- यदि मणिबंध से निकलकर कोई रेखा शुक्र पर्वत की ओर जा रही हो।
- यदि मणिबंध से कोई रेखा बुध पर्वत तक पहुंचती हो।
- यदि सूर्य रेखा का शुक्र से संबंध हो।
- यदि कोई रेखा मणिबंध से निकलकर शुक्र पर्वत तथा शनि पर्वत पर जाती हो।
- यदि हाथ कमजोर एवं पतला हो तथा भाग्य रेखा एवं प्रणय रेखा कटी-फटी हो।
- विवाह रेखा कई स्थानों पर कटी हुई हो।
- चंद्र पर्वत पर आड़ी-तिरछी अनेक रेखाएं हों।
- शुक्र पर्वत पर दो तारे के चिन्ह हो।
- शुक्र रेखा से हृदय रेखा की ओर कोई रेखा जाए।
- भाग्य रेखा पर द्वीप का चिन्ह बना हो।
- विवाह रेखा के अंत में रेखाओं का एक गुच्छा बन गया हो।
सुखहीन विवाह
बिजनेसमैन से विवाह
अधिक उम्र के व्यक्ति से विवाह
विवाह में बाधा
विवाह विच्छेद योग
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