Solar Eclipse 2021: इस तारीख को दिखेगा साल का अंतिम सूर्य ग्रहण, क्या भारत में नजर आएगा?
नई दिल्ली, 30 नवंबर। साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण 04 दिसंबर को लगने वाला है, हालांकि ये भारत में दिखाई नहीं देगा। इस ग्रहण को अन्टार्कटिका, दक्षिण महासागर और अफ्रीकी महाद्वीप के देशों में जा सकेगा। ग्रहण 04 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर बाद 03:07 बजे समाप्त होगा। यानी कि ग्रहण काल 4 घंटे 8 मिनट का होगा। भारत में प्रभावी ना हो पाने के कारण इसका सूतककाल नहीं लगेगा।लेकिन ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक ग्रहों की चाल का असर सबकी राशियों पर पड़ता है इसलिए भले ही सूतक काल ना लगे लेकिन लोगों को ग्रह के वक्त विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।
क्या होता है 'सूर्य ग्रहण '
'सूर्य ग्रहण ' एक खगोलीय घटना है। यह तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, पृथ्वी को घेर लेता है। कुछ क्षेत्रों में सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से अवरुद्ध करता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी सीधे एक रेखा में होते हैं। 'सूर्य ग्रहण के वक्त कुछ वक्त के लिए अंधेरा फैल जाता है। 4 दिसंबर को मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि है। इसलिए कुछ बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत है।
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क्या करें और क्या ना करें
- अमावस्या के दिन ग्रहण लग रहा है इसलिए इस दिन लोगों को दान-पुण्य करना चाहिए, ऐसा करने से इंसान के सारे कष्ट दूर होते हैं।
- ग्रहण काल में पूजा स्थल पर मूर्तियों को छूना नहीं चाहिए।
- ग्रहण काल में भोजन नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण काल में नए कपड़े या नई चीजों की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।
ग्रहण काल में सोना नहीं चाहिए
- गर्भवती स्त्रियां ग्रहण काल में चाकू-कैंची का प्रयोग ना करें।
- ग्रहण काल में नाखून कांटना, कंघी करना मना होता है
- ग्रहण काल में सोना नहीं चाहिए।
- ग्रहण काल में झगड़ा, क्लेस और सहवास नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर वस्त्र बदलें, घर की सफाई करें।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना चाहिए और अपने खाने-पीने की वस्तु में तुलसी की पत्ती डालनी चाहिए।
ग्रहण काल में करं इन मंत्रों का जाप, सूर्यदेव होंगे प्रसन्न
- ॐ सूर्याय नम: ।
- ॐ भास्कराय नम:।
- ॐ रवये नम: ।
- ॐ मित्राय नम: ।
- ॐ भानवे नम: ।
- ॐ खगय नम: ।
- ॐ पुष्णे नम: ।
- ॐ मारिचाये नम: ।
- ॐ आदित्याय नम: ।
- ॐ सावित्रे नम: ।
- ॐ आर्काय नम: ।
- ॐ हिरण्यगर्भाय नम: ।