Kundali: चक्र और समुद्र योग बनाते हैं धनवान, देते हैं राजा के समान जीवन
नई दिल्ली, 10 अगस्त। ज्योतिष शास्त्र में हजारों योगों का वर्णन मिलता है, जिनमें से अनेक योग धन संपदा से जुड़े होते हैं। इन योगों में आज हम दो योगों की चर्चा करने वाले हैं। ये योग हैं चक्र और समुद्र योग। इन दोनों योगों का एक साथ वर्णन इसलिए किया जाता है क्योंकिइनके बनने की स्थिति ठीक एक-दूसरे के विपरीत होती है।
कैसे बनते हैं चक्र और समुद्र योग
चक्र
योग
:
जब
जन्मकुंडली
में
लग्न
से
एकांतर
अर्थात्
लग्न
से
प्रारंभ
करके
विषम
स्थानों
में
सभी
ग्रह
हों
तो
चक्र
योग
बनता
है।
कुंडली
के
विषम
स्थान
1,
3,
5,
7,
9,
11
होते
हैं।
समुद्र
योग
:
जब
जन्मकुंडली
में
सभी
ग्रह
सम
भावों
अर्थात्
2,
4,
6,
8,
10,
12
वें
स्थान
में
हों
तो
समुद्र
योग
बनता
है।
इन योगों का प्रभाव
जिस जातक की जन्मकुंडली में चक्र योग होता है वह अत्यंत धनवान होता है। या तो ऐसा व्यक्ति धनवान घर में जन्म लेता है, या उसे साधारण परिवार में जन्म लेने के बाद भी इतनी संपत्ति प्राप्त हो जाती है किवह धनवान बन जाता है। चक्र योग में जन्मा व्यक्ति अत्यंत परिश्रमी होता है और अपने जीवन की उन्नति के लिए मेहनत करने में कभी पीछे नहीं हटता।
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राजा के समान जीवन व्यतीत करता है
समुद्र योग में जन्मा व्यक्ति भी राजा के समान जीवन व्यतीत करता है। इसके पास धन का अभाव कभी नहीं होता किंतु अक्सर देखा गया है किऐसा व्यक्ति अपने धन को व्यर्थ के कार्यो में पानी की तरह बहा देता है। ऐसे व्यक्ति का कारोबार विदेशों तक फैला होता है। यात्राएं करना इसे पसंद होता है। सौंदर्य के प्रति आकर्षित रहता है और अनेक विपरीतलिंगी मनुष्यों से संबंध होता है।