Karwa Chauth 2018: कैसे करें आज पूजा की तैयारी, जानिए
पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाने वाला करवा चौथ का व्रत आज पूरे उत्तर-भारत में मनाया जा रहा है। हिंदू चंद्रमा कैलेंडर के चौथे दिन मनाए जाने वाले इस त्योहार में महिलाएं निर्जला उपवास रख अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
नई दिल्ली। पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाने वाला करवा चौथ का व्रत आज पूरे उत्तर-भारत में मनाया जा रहा है। हिंदू चंद्रमा कैलेंडर के चौथे दिन मनाए जाने वाले इस त्योहार में महिलाएं निर्जला उपवास रख अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। और आजकल के जमाने में सिर्फ महिलाएं ही नहीं, बल्कि अपनी पत्नी का साथ देने के लिए पति भी करवा चौथ का व्रत रखते हैं और शिव-पार्वती और चंद्रमा की पूजा करते हैं। आज का दिन शादीशुदा जोड़ों के लिए काफी खास माना जाता है। करवा चौथ के दिन क्या है पूजा विधि और कैसे तैयार करें अपनी पूजा की थाली, जानिए-
करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। अपने पति की लंबी आयु के लिए वो पूरा दिन निर्जला उपवास रखती हैं। इस कठिन व्रत में पूजा सामाग्री भी काफी लगती है। करवा चौथ की पूजा के लिए शिव-पार्वती और गणपति की फोटो काफी जरूरी है। इसके अलावा कुमकुम, शक्कर, दही, मेहंदी, मिठाई, गंगाजल, चंदन, शहद, अगरबत्ती, कच्चा दूध, सिंदूर, चावल, बिछिया, आलता, चुनरी, बत्ती, करवा, कंघा चाहिए होता है।
इस तरह करें पूजा:
गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी ले आएं। चलनी, लकड़ी का आसन, आठ पूरियों की अठवारी और हलवा भी सामाग्री में चाहिए होगा। करवा चौध के दिन सुबह उठकर महिलाएं नहा-धोकर शिव-पार्वती की पूजा करें और 'मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये कर्क चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये' मंत्र का जाप करें। घर के मंदिर की दीवार पर गेरू से फलक बनाकर फिर चावल को पीसें और उससे करवा का चित्र बनाएं। शाम में पूजा के वक्त भगवान गणेश की मां पार्वती की गोद में बैठे हुए और साथ में शिव भी हों, उस फोटो को लकड़ी के आसन पर रखें। मां पार्वती का श्रंगार करें और फिर सभी की पूजा करें।
पूजा के बाद करवा में जल भरें और करवा चौथ के व्रत की कथा सुनें। चांद निकलने के बाद उसकी पूजा कर अर्घ दें। फिर पति के हाथों जल ग्रहण कर अपना करवा चौथ का व्रत खोलें।
ये है मुहूर्त:
पूजा का मुहूर्त शाम 5.40 से 6.47 तक है। अगर समय के लिहाज से देखें तो इसकी कुल अवधि 1 घंटे 7 मिनट है। चंद्रोदय यानी चांद के दिखने का समय रात्रि 7 बजकर 55 मिनट पर होगा।