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Palmistry: क्या हो अगर आपकी हथेली में सांप का चिन्ह बना हो...?

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नई दिल्ली। हिंदू धर्म में सर्प को देवता का स्थान प्राप्त है और यह पूजनीय है। यह भगवान शिव के गले में सुशोभित रहता है। यह अत्यंत खतरनाक और जानलेवा जीव जरूर है लेकिन यह लक्ष्मी का भी प्रतीक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जहां सर्प का निवास होता है वहां आसपास कहीं धन जरूर होता है। देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर ने धन की रक्षा के लिए पहरेदार के रूप में सर्प को नियुक्त कर रखा है। वैदिक ज्योतिष में इससे जुड़े कई शुभ-अशुभ योग भी होते हैं जैसे कालसर्प दोष, सर्प दोष आदि। इसी तरह हस्तरेखा शास्त्र में भी हथेली में सर्प के चिन्ह का बड़ा महत्व है। यह अलग-अलग रेखाओं और पर्वतों पर अलग-अलग शुभ-अशुभ प्रभाव दिखाता है।

आइए जानते हैं हथेली में किस जगह सर्प का चिन्ह होने पर क्या होता है...

सर्प का चिन्ह होना शुभ भी और अशुभ भी

सर्प का चिन्ह होना शुभ भी और अशुभ भी

हथेली में सर्प का चिन्ह होना शुभ भी होता है और अशुभ भी। यह उसके होने के स्थान पर निर्भर करता है। हम शुक्र पर्वत से प्रारंभ करते हैं। शुक्र पर्वत अंगूठे के नीचे का स्थान होता है। यह दांपत्य सुख, यौन संबंध, आकर्षण, प्रेम संबंध और भौतिक सुख-सुविधाओं, भोग विलास का स्थान होता है। इस स्थान पर सर्प का चिन्ह होने से व्यक्ति को भोग-विलास के साधन तो बहुत प्राप्त होते हैं, लेकिन दांपत्य जीवन में कष्ट बना रहता है। ऐसे व्यक्ति का पारिवारिक जीवन 38 वर्ष की आयु तक संकटपूर्ण रहता है।

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तर्जनी अंगुली के नीचे गुरु पर्वत होता है

तर्जनी अंगुली के नीचे गुरु पर्वत होता है

  • तर्जनी अंगुली के नीचे गुरु पर्वत होता है। इस पर सर्प का चिन्ह होने से व्यक्ति अत्यंत गुणवान और ज्ञानवान होता है। इस पर्वत पर सर्प का मुख ऊपर यानी अंगुली की ओर जाता हुआ हो तो व्यक्ति अध्यात्म के क्षेत्र में ऊंचाइयां छूता है, लेकिन सर्प का चिन्ह नीचे की ओर हो तो व्यक्ति अधोगति को प्राप्त होता है। ऐसे व्यक्ति को कई बार अपमानजनक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
  • मध्यमा अंगुली के नीचे शनि पर्वत होता है और इसी पर आकर भाग्यरेखा समाप्त होती है। यदि इस स्थान पर सर्प का चिन्ह हो तो जातक अपार धन संपत्ति का मालिक बनता है। यदि सर्प रेखा दोहरी हो तो इसका उल्टा असर होता है। ऐसा व्यक्ति अपने पूर्व संचित धन को भी व्यसनों में गंवा बैठता है।
  • सर्प के कारण सूर्य ग्रहण जैसी स्थिति

    सर्प के कारण सूर्य ग्रहण जैसी स्थिति

    • अनामिका अंगुली के नीचे सूर्य पर्वत होता है। इस स्थान पर सर्प का चिन्ह हो वह अशुभ होता है। यहां सर्प का चिन्ह होना मतलब जीवन संकटपूर्ण होना। ऐसा व्यक्ति जीवन में कभी तरक्की नहीं कर पाता है। एक तरह से यहां सर्प के कारण सूर्य ग्रहण जैसी स्थिति मानी जाती है।
    • कनिष्ठिका अंगुली के नीचे बुध पर्वत व्यापार, व्यवसाय का स्थान होता है। यहां सर्प का चिन्ह होने से व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत रहता है और अपने निर्णय का पक्का होता है। यह एक बार कुछ करने का ठान ले तो करके रहता है। बिजनेस के क्षेत्र में ऊंचाइयां हासिल करता है।
    • चंद्र पर्वत पर सर्प का चिन्ह होने से व्यक्ति विदेशों से धन अर्जित करता है। विदेशों में निवास करता है और यहां तक कि उसका विवाह भी विदेशी युवक या युवती से होता है।

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English summary
This Article is about the Palmistry symbol and sign known as the Snake. It discusses its meaning and its variations as found on hands.
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