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जानिए कैसे एक लोटा पानी बदल सकता है आपकी किस्मत....

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। कभी आपने सुना है कि एक लोटा पानी भी आपकी किस्मत खोलने का काम कर सकता है? जी हां, यह बिलकुल सच है। ज्योतिष शास्त्र में ऐसे अनेक उपाय हैं जिनके बारे में कम ही लोगों को पता है कि वे चमत्कारिक रूप से अपना असर दिखाते हैं। उन्हीं में से एक है जल प्रयोग। नवग्रहों की पीड़ा शांत करने, जीवन में तरक्की के रास्ते खोलने और विवाह कार्यों में आ रही रूकावटें दूर करने के लिए आपको बस एक लोटा जल का प्रयोग करना है। जल का प्रयोग अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग तरीके से किया जाता है। जल जहां भगवान शिव की सबसे प्रिय वस्तु हैं, वहीं पीपल में जल अर्पित करने से भगवान विष्णु-लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।

आइए जानते हैं जीवन में सुख-शांति और समृद्धि के लिए जल के कौन-कौन से प्रयोग किए जा सकते हैं...

 पहला प्रयोग: आर्थिक समृद्धि के लिए

पहला प्रयोग: आर्थिक समृद्धि के लिए

यदि आप लंबे समय से धनाभाव से जूझ रहे हैं। आय के मुकाबल खर्च अधिक हो रहा है। धन का संग्रहण नहीं हो पा रहा है। व्यापार में लगातार हानि हो रही है। बीमारियों पर धन अधिक खर्च हो रहा है तो आपको यह प्रयोग करना है। शनिवार को प्रातः स्नानादि से निवृत होकर एक तांबे के कलश में शुद्ध जल भरें। इसमें एक बताशा और थोड़ा सा कच्चा ताजा दूध मिलाएं। अब यह जल पीपल के वृक्ष की जड़ में अर्पित करें। पीपल की सख्त परिक्रमा करें और जड़ में से थोड़ी सी मिट्टी लेकर एक लाल कपड़े में बांध लें और घर में पूजा स्थान में रख दें। ऐसा लगातार 21 शनिवार तक करें। हर बार की मिट्टी उसी कपड़े में बांधते जाएं। 21 शनिवार पूर्ण होने के बाद कपड़े में बंधी मिट्टी को अपनी तिजोरी में रखें। प्रत्येक अमावस्या पर इस मिट्टी की पोटली को निकालकर धूप दें और वापस रख दें। इस प्रयोग से आपकी आर्थिक स्थिति में चमत्कारिक रूप से सुधार आने लगेगा।

दूसरा प्रयोग: मानसिक शांति के लिए

दूसरा प्रयोग: मानसिक शांति के लिए

यदि आप मानसिक रूप से बहुत परेशान चल रहे हैं। कोई न कोई परेशानी आपको घेरे रहती है जिसके कारण आप तनाव में आ जाते हैं। स्टूडेंट्स यदि परीक्षा के तनाव में हैं। नौकरीपेशा व्यक्तियों को ऑफिस में कोई समस्या आ रही है तो प्रत्येक सोमवार को एक तांबे के कलश में शुद्ध जल भरें और इसमें लाल गुड़हल का फूल डालें। यह जल काले पत्थर के शिवलिंग पर अर्पित करें। यह प्रयोग प्रत्येक सोमवार को लगातार करते जाएं। इससे कुछ ही दिनों में आपको मानसिक सुख-शांति अनुभव होगी। समस्याएं अपने आप कम होती जाएंगी।

तीसरा प्रयोग: ग्रहों की शांति के लिए

तीसरा प्रयोग: ग्रहों की शांति के लिए

जन्म कुंडली में कोई ग्रह बुरे प्रभाव दे रहा हो तो व्यक्ति को बैठे-बिठाए अनेक परेशानियां घेर लेती हैं। खासकर व्यक्ति बार-बार बीमार होने लगता है। बीमारियों के इलाज में खर्च भी अधिक होता है। किसी ऐसे कार्यों में धन खर्च होने लगता है जहां आप पैसा बचा सकते थे। यदि आपके जीवन में भी ऐसा हो रहा है। अपने सिरहाने रात में सोते समय एक लोटा जल भरकर रखें। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर इस जल को चुपचाप बाहर जाकर फेंक दें। वापस आते समय पीछे मुड़कर न देखें। इससे ग्रहों की पीड़ा शांत होती है।

चौथा प्रयोग: शीघ्र विवाह के लिए

चौथा प्रयोग: शीघ्र विवाह के लिए

जिन युवक-युवतियों के विवाह में बाधा आ रही हो। संबंध कहीं तय नहीं हो पा रहा है तो वह युवक या युवती जिसे विवाह करना है वह सुबह स्नानादि के बाद पवित्र होकर पीले वस्त्र धारण करें। अष्टधातु या चांदी के लोटे में शुद्ध जल लेकर उसमें थोड़ी सी हल्दी डालें। इस जल को अपने हाथ से शिवलिंग पर अर्पित करें और शीघ्र विवाह की कामना करें। इसके साथ ही पार्वती माता को सिंदूर अर्पित करें। यह प्रयोग प्रत्येक गुरुवार को करना है। इससे विवाह में आ रही बाधा जल्द ही दूर हो जाती है।

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English summary
Most of us would remember that our grandparents use to get up early in the morning and offer water to Sun, also known as sun salutation. It is believed that offering water to the Sun in the wee hours of morning provides you with positive energy and makes your day better.
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