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Guru Pushya yoga: पितृ पक्ष में बना गुरु-शुक्र पुष्य का संयोग, जानें महत्व
नई दिल्ली, 29 सितंबर। आश्विन माह के कृष्णपक्ष की नवमी-दशमी तिथि 30 सितंबर-1 अक्टूबर 2021 को गुरुवार और शुक्रवार के दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग आ रहा है। पुष्य नक्षत्र 30 सितंबर को रात्रि में 1.33 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 1 अक्टूबर को रात्रि में 2.58 बजे तक रहेगा। यह नक्षत्र 25 घंटे 25 मिनट रहेगा। इस दौरान पितरों को प्रसन्न करने के कार्य किए जाते हैं। पुष्य नक्षत्र में पितरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध, दान करने का विशेष महत्व होता है। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं। साथ ही खरीदारी के लिए भी यह शुभ समय होता है।
क्या कार्य करें
- खरीदारी करने के लिए पुष्य नक्षत्र सर्वश्रेष्ठ होता है। इसमें की गई खरीदारी स्थायी होती है। विशेष भूमि, भवन, आभूषण आदि खरीदना सबसे शुभ होता है। गुरु और शुक्रवार दोनों दिन पुष्य नक्षत्र मिलने से खरीदारी के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
- शुक्रवार को पूरे दिन पुष्य नक्षत्र मिलेगा। शुक्रवार मां लक्ष्मी का दिन होता है इसलिए इस दिन भी लक्ष्मी माता की पूजा करें। कमलगट्टे की माला से श्रीं मंत्र की 21 माला जाप करें। धन लक्ष्मी की प्राप्ति होगी।
- पुष्य नक्षत्र में पितरों के निमित्त दान-पुण्य करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
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- आश्विन मास में आए इस पुष्य के शुभ संयोग में गुरुवार रात 10.09 बजे के बाद पीपल के पेड़ के नीचे सात दीपक प्रज्जवलित करें। वहीं बैठकर विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें और चुपचाप अपने घर चले आएं। इससे आर्थिक समस्याओं का निदान होगा।
- शुक्र-पुष्य में सात कन्याओं को भोजन करवाकर उनके चरण पूजन करें। उचित दान-दक्षिणा भेंट दें। पैसों से जुड़ा संकट दूर होगा।
English summary
Guru-Venus pushya yoga 2021 coming on 30th september, its very auspicious day. read some Important facts about this.
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