गणेश चतुर्थी 2017: इस बार गजकेसरी और बुधादित्य योग में विराजेंगे गणेश
नई दिल्ली। सिद्धि, बुद्धि, संपदा के दाता भगवान श्री गणेश की स्थापना 25 अगस्त को की जाएगी। इस बार गणेश चतुर्थी पर कई दुर्लभ योग बन रहे हैं, जिनमें श्रीगणेश की स्थापना करने से न केवल धन-संपदा में वृद्धि होगी बल्कि पूर्ण श्रद्धा भाव से पूजन करने वालों के ज्ञान और बुद्धि में भी दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी होती जाएगी।
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आइये जानते हैं इस बार गणेश चतुर्थी पर कौन-कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं और उन संयोगों से आप किस तरह लाभ उठा सकते हैं।
आपको बता दें कि भगवान शिव और माता पार्वती के घर जब भगवान गणेश का प्राकट्य हुआ था उस समय बने शुभ संयोग इस बार बार भी बन रहे हैं।
पहला योग
25 अगस्त गणेश चतुर्थी के दिन सिंह लग्न में सूर्य और बुध की एक साथ उपस्थिति बुधादित्य योग का निर्माण कर रही है। इस योग में गणपति स्थापना करने से खासकर उन लोगों को लाभ प्राप्त होगा और नौकरीपेशा हैं और लंबे समय से तरक्की की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इस योग में भगवान श्री गणेश की पूर्ण विधि-विधान से पूजा उन्हें मनोवांछित फल प्रदान करेगी। जो लोग व्यापार-व्यवसाय से जुड़े हैं और पिछले समयों में भारी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरे हैं वे बुधादित्य योग में गणेश की स्थापना कर उनका विशेष अनुष्ठान कर अपने व्यापार की समस्त बाधाओं को समाप्त कर पाएंगे। इस शुभ योग में श्रीगणेश की स्थापना समस्त शुभ प्रभावों में वृद्धि करेगी।
दूसरा योग
25 अगस्त को गणेश चतुर्थी के दिन गजकेसरी जैसे अत्यंत दुर्लभ और शुभ योग का निर्माण हो रहा है। चंद्र और बृहस्पति की शुभ स्थितियों में बनने वाला यह योग गणेश चतुर्थी के दिन निर्मित हो रहा है, जिसका शुभ प्रभाव समस्त जातकों पर पड़ने वाला है। गजकेसरी योग में गणेश स्थापना समस्त भौतिक सुख सुविधाएं प्रदान करने वाली है। इस दिन गणेशजी को उनके प्रिय गुड़ के मोदक का भोग लगाएं। 1008 दुर्वांकुर अर्पित करेंगे तो आपके सारे बिगड़े काम बन जाएंगे।
तीसरा योग
25 अगस्त को गणेश चतुर्थी और शुक्रवार का शुभ संयोग बन रहा है। चतुर्थी तिथि के अधिष्ठाता देवता गणेश हैं और शुक्रवार की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी है। गणेश और लक्ष्मी का शुभ संयोग धन, संपदा में वृद्धि करने वाले योग का निर्माण कर रहा है। इस दिन भगवान श्री गणेश की स्थापना में दूध से बनी मिठाइयां जरूर रखें।
चौथा योग
प्रत्येक वर्ष गणेश स्थापना चतुर्थी को की जाती है और विसर्जन चतुर्दशी को किया जाता है। यानी 10 दिन भगवान विराजित रहते हैं और 11वें दिन उनका विसर्जन किया जाता है। इस बार दशमी तिथि दो दिन होने से एक दिन की वृद्धि हो गई है।
शुभ परिणाम
इस तरह इस बार गणेशजी आपको 12 दिन तक आशीर्वाद प्रदान करेंगे। इन 12 दिनों में गणेश के 12 रूपों की पूजा करने से समस्त शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।