पद, प्रतिष्ठा सम्मान दिलाएगी अधिकमास की एकादशी
नई दिल्ली। तीन वर्ष बाद आए अधिकमास के शुक्ल पक्ष में 27 सितंबर को आ रही एकादशी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस एकादशी के दिन जिस ग्रह की होरा होती है, उसी के आधार पर इसका ज्योतिषिय नाम रखा जाता है। इस बार इस एकादशी के दिन सूर्य की होरा है, अर्थात् यह एकादशी रविवार को आ रही है। इसलिए इसे रवि एकादशी कहा जा रहा है। वैसे इस एकादशी के अनेक नाम हैं, जैसे पद्मिनी एकादशी, कमला एकादशी आदि।
'मनुष्य अपने जीवन में तरक्की चाहते हैं'
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा का प्रदाता ग्रह कहा जाता है। इसलिए जो मनुष्य अपने जीवन में तरक्की चाहते हैं, नौकरी, बिजनेस और सामाजिक जीवन में पद-प्रतिष्ठा हासिल करना चाहते हैं उन्हें इस एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु और सूर्यदेव की आराधना अवश्य करना चाहिए। इस एकादशी पर सूर्य कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में रहेगा। चंद्र मकर राशि और श्रवण नक्षत्र में रहेगा। इस दिन सर्वश्रेष्ठ सुकर्मा योग भी रहेगा।
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क्या उपाय करना चाहिए
- अपने अभीष्ट कार्य की सिद्धि के लिए रवि एकादशी के दिन मनुष्य को व्रत रखना चाहिए।
- रवि एकादशी के दिन ठीक सूर्योदय के समय तांबे के कलश में लाल चंदन और लाल पुष्प डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य देने से मान-पद प्राप्त होता है।
- नौकरी में प्रमोशन, बिजनेस में लाभ के लिए आदित्यहृदय स्तोत्र के 21 पाठ करें।
- इस दिन सूर्य यंत्र को अभिमंत्रित करके, प्राण प्रतिष्ठा करके अपने घर या प्रतिष्ठान में स्थापित करने से कार्य में वृद्धि होने लगती है।
गुलाब जल
- इस दिन सूर्य ब्रह्मास्त्र को घर में स्थापित करने से समस्त प्रकार के वास्तुदोष दूर होते हैं।
- सुख-समृद्धि और पद-प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए इस दिन पीले चंदन या केसर में गुलाब जल मिलाकर मस्तक पर तिलक करें।
- लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए एकादशी के दिन केले के दो पौधे लगाएं। बाद में इनकी नियमित देखभाल करते रहें। जब इस पेड़ पर फल आने लगे तो उनका दान करें, लेकिन स्वयं इसके फल कभी न खाएं।
- एकादशी के दिन पान के दो पत्ते भगवान विष्णु को अर्पित करें, उनमें से एक पत्ता अपने साथ ले आएं और इस पर रोली से 'श्री" लिखकर अपनी तिजोरी या धन स्थान पर रखें। इससे धन का संग्रहण बढ़ेगा। धन की हानि रूकेगी। व्यापार में वृद्धि होगी।
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