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7 मई को मंगल के मिथुन राशि में आते ही बनेगा 'अंगारक योग', बचने के लिए करें ये उपाय

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। मंगल और राहु के गोचर में एक ही राशि में आ जाने से अंगारक योग का निर्माण होगा। 7 मई को मंगल जैसे ही मिथुन राशि में प्रवेश करेगा राहु के साथ संबंध स्थापित हो जाने के कारण अंगारक योग बन जाएगा क्योंकि राहु पहले से ही मिथुन राशि में है। जिन लोगों की जन्मकुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हैं, जिन्हें मंगल दोष है या जिन्हें अशुभ मंगल की महादशा चल रही है वे जातक इस योग के कारण बहुत परेशान रहेंगे। मानसिक रूप से इनकी स्थिति गड़बड़ रहेगी। ये कोई भी फैसला नहीं कर पाएंगे।

7 मई को मंगल के मिथुन राशि में आते ही बनेगा अंगारक योग

निर्णय क्षमता प्रभावित होने के कारण कई गलत फैसले ले बैठेंगे और बाद में पछताना पड़ेगा। अंगारक योग अग्नि तत्व का प्रतीक है इसलिए इसके प्रभाव से लोगों में क्रोध बढ़ेगा, राहु के दुष्प्रभाव के कारण व्यक्ति बुरे कर्मों की ओर प्रवृत्त होगा। काम वासना की प्रबलता रहेगी, अपराध करने की प्रवृत्ति में वृद्धि होगी। लोगों में आपसी मतभेद बढ़ेंगे, छोटी-छोटी बातों में वाद-विवाद होंगे। बड़े पैमाने पर देखा जाए तो अनेक देशों में युद्ध जैसे हालात भी बन सकते हैं। यह योग 22 जून तक चलेगा।

अंगारक योग

अंगारक योग

  • मंगल और राहु के कारण बन रहे अंगारक योग का असर सभी राशि वाले जातकों पर होगा, लेकिन वैदिक ज्योतिष में इस योग का बुरा प्रभाव कम करने के भी कई उपाय बताए गए हैं। चूंकि योग तो बनेगा लेकिन उपायों को करके अपने आसपास एक सुरक्षा कवच तैयार किया जा सकता है ताकि इस योग का दुष्प्रभाव आप पर कम से कम हो।
  • मंगल से संबंधित इस योग का बुरा प्रभाव कम करने में भगवान हनुमान और शिवजी की आराधना चमत्कारिक रूप से लाभ पहुंचाती है।
  • प्रत्येक मंगलवार को हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान जी को आंकड़े के पत्तों की माला पहनाकर देसी घी के हलवे का नैवेद्य लगाएं। उनकी प्रतिमा से थोड़ा सा सिंदूर लेकर अपने मस्तक पर लगाएं। इससे सर्वत्र आपकी रक्षा होगी।

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हनुमानजी की पूजा करें

हनुमानजी की पूजा करें

  • कोई भी नया कार्य वैसे तो इस दौरान प्रारंभ करने से बचना चाहिए, लेकिन यदि जरूरी हो तो हनुमानजी की पूजा के साथ काम प्रारंभ करें। किसी शुभ कार्य के लिए घर से निकलने से पहले हनुमानजी की पूजा करें।
  • प्रतिदिन भगवान शिव को एक लोटे जल में कच्चा दूध और लाल पुष्प डालकर अर्पित करें। इससे मंगल का दुष्प्रभाव कम होगा।
  • शिवलिंग पर प्रत्येक मंगलवार को एक मुट्ठी साबुत चावल अर्पित करने से दोष का अग्नि तत्व कम होगा।
  • शिवलिंग पर प्रत्येक मंगलवार को एक लोटा गाय का दूध चढ़ाएं।
  • रूद्राक्ष की माला से जाप करें

    रूद्राक्ष की माला से जाप करें

    • प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र की एक माला रूद्राक्ष की माला से जाप करें।
    • मंगलवार का व्रत रखें और किसी गरीब को एक समय का भोजन करवाएं।
    • श्वानों को मीठी रोटी खिलाएं। मंगल-राहु की शांति होगी।
    • अंगारक योग के दौरान जातक की मानसिक स्थिति विचलित हो जाती है और उसकी निर्णय क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में ध्यान योग अवश्य करें।
    • चांदी का कोई पेंडेंट, अंगूठी या कड़ा धारण करने से अंगारक योग शांत होता है।

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Comments
English summary
Angarak dosha is formed when Rahu and Mars conjunct in any house in the kundali. This dosha gives its adverse and harmful effects when the position of Rahu and Mars is malefic in the natal chart.
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