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'गजकेसरी योग' बनने पर क्या-क्या फल मिलते है ?
कुण्डली में गजकेसरी योग होने पर गज के समान शक्ति व धन दौलत प्राप्त होती है। सभी योगों की भॉति इस योग का भी सभी लोगों को अच्छा फल नहीं मिलता है। किसी जातक को गजकेसरी योग का बहुत प्रचुर मात्रा में फल मिलता है तो अन्य लोगों को सामान्य फल ही प्राप्त हो पाता है।
जानिये कैसे बनता है गजकेसरी योग?
क्योंकि इस योग का फल भाव, राशि, नक्षत्र और की गुरू की पोजीशन के आधार पर मिलता है। जब गुरू व चन्द्र बलवती होकर गजकेसरी योग का निर्माण कर रहें हो और साथ केमुद्रम योग भी बन रहा हो तो गजकेसरी योग निष्फल रहता है।
गज गणेश जी का प्रतीक
- ऋषि पराशर के अनुसार गजकेसरी योग के फलस्वरूप व्यक्ति कुशल, राजसी सुखों को भोगने वाला, उच्च पद प्राप्त करने वाला, वाद-विवाद व भाषण कला में निपुण होता है।
- गज को गणेश जी का प्रतीक माना जाता है। गणेश जी बुद्धि के देवता है अर्थात व्यक्ति अपनी बौद्धिक शक्ति के आधार धन-दौलत, मान-सम्मान प्राप्त करता है। जिनकी कुण्डली में गजकेसरी योग उन्हें बुद्धि से काम करना से चाहिए न कि दिल से वरना हानि ही होगी।
- ज्योतिषी में बृहस्पति को धन का कारक माना जाता है। यदि गजकेसरी योग उत्तम प्रकार का है तो व्यक्ति को गज के समान धन की प्राप्ति होती है। इस योग के कारण व्यक्ति अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में सफल होता है।
- गजकेसरी योग हाथी और सिंह के संयोग से बनता है। गज में अभिमान रहित अपार शक्ति और सिंह में दूरदर्शी बुद्धि के साथ-साथ, चुस्ती-फुर्ती, लक्ष्य के प्रति सजगता व अदम्य साहस होता है। इसी प्रकार जिसकी कुण्डली गजकेसरी योग बलवती होता है, वह अपनी सूझबूझ, दूरदर्शी सोंच, अदम्य साहस के बल पर अच्छें-अच्छों को निरूत्तर कर देता है। समय के साथ चलकर सफलता के झंडे गाड़ता है।
- जिस भाव में गुरू व चन्द्र बैठकर गजकेसरी योग का निर्माण करते है, उस भाव से सम्बन्धित शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है। गजकेसरी योग जब चुतर्थ व दशम भाव में बनता है तो व्यक्ति अपने व्यवसाय व करियर में ऊॅचे मुकाम हासिल करता है।
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English summary
Gaja Kesari Yoga is one of the auspicious yogas in Vedic Astrology. This yoga is formed in the birth-chart when Jupiter is in Kendra.
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