छत के गार्डन पर हर दिन 20-25 किलो सब्जी ! 63 साल के जैकब ने रिटायरमेंट के बाद शुरू की खेती
Punnoose Jacob भले की किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं लेकिन उन्होंने खेती और बागवानी नौकरी से रिटायर होने के बाद शुरू की। Punnoose Jacob Kerala terrace gardening Thodupuzha vegetable fruit farming
Punnoose Jacob खेती किसानी की दुनिया में एक ऐसा नाम बनकर उभरे हैं जिन्होंने रिटायरमेंट के बाद खेती का शौक पूरा किया। जैकब बताते हैं कि उन्होंने अपने घर की छत पर गार्डनिंग शुरू की। इसी दौरान उन्होंने सब्जियां उगाने का भी फैसला लिया। बेंगलुरु में नौकरी करने के बाद केरल में पैतृक घर लौटे जैकब ने ग्रो बैग्स में सब्जियां उगाते हैं। अब एक सफल बागवान की तरह उन्होंने अपने उत्पादों को मंगलम फूड ब्रांड के तहत मार्केट में बेचना भी शुरू कर दिया है।
63 साल के किसान को बागवानी से प्यार
केरल के थोडुपुझा निवासी पुन्नूस जैकब का परिवार कृषि कार्यों से जुड़ा है। पारिवारिक पृष्ठभूमि खेती-किसानी की होने के कारण 60 साल से अधिक एज में भी Punnoose Jacob का उत्साह कम नहीं हुआ। उन्होंने खेती योग्य जमीन की कमी को भी आड़े नहीं आने दिया और उन्होंने बैकयार्ड फार्मिंग का विकल्प चुना। केरल के गार्डनर जैकब बताते हैं कि उनके पास तीन मंजिला इमारत है जिसे किराए पर लिया है। 3,500 वर्ग फुट चौड़ी छत पर 63 वर्षीय बागवान पुन्नुस जैकब ने सब्जियों के बीजों को ग्रो बैग्स में रोपा। खीरा, टमाटर, मिर्च, बैंगन, भिंडी और मिर्च जैसी सब्जियों से शुरुआत की। धीरे-धीरे ग्रो बैग्स के साथ-साथ सब्जियों की वेराइटी भी बढ़ी।
पुन्नूस ने शेड नेट का सहारा लिया
फसल में सिंचाई सबसे बड़ा चैलेंज होता है। इससे निपटने के लिए Punnoose Jacob ने ड्रिप सिंचाई प्रणाली का इस्तेमाल किया। ग्रो बैग्स 1.5 फुट ऊंचे लोहे के प्लेटफॉर्म पर रखे गए हैं। हर बैग के नीचे मिट्टी की टाइलें लगाई गई हैं। पौधों को तेज धूप और बारिश से बचाने के लिए पुन्नूस ने शेड नेट का सहारा लिया है। कृषि विभाग से सब्सिडी लेकर पुन्नूस ने शेड नेट तैयार कराया। वे अपनी उपलब्धि का श्रेय जैविक जड़ी-बूटियों और उर्वरकों के उपयोग को देते हैं। बकौल पुन्नूस वे मछली अमीनो और जैविक घोल (fish amino and organic slurry) का इस्तेमाल प्रमुख उर्वरक के रूप में करते हैं।
कीटनाशकों के लिए भूत झोलकिया
पौधों के समुचित विकास के लिए Punnoose Jacob उर्वरक और कीटनाशकों के रूप में घोस्ट पेपर जैसे विकल्पों का इस्तेमाल करते हैं। पुन्नूस बताते हैं कि पौधों की सही देखभाल हो, इसके लिए उन्होंने एक चार्ट बनाया है। दुनिया में सबसे तीखी मिर्च में से एक भूत झोलकिया यानी घोस्ट पेपर का इस्तेमाल कीटनाशक के तौर पर करते हैं। मिर्च को सुखाने और पाउडर करने के बाद, इसे पानी में पतला करके पौधों की पत्तियों पर छिड़का जाता है।
कौन सी सब्जियां उगाते हैं
पुन्नूस अपनी छत पर फसलों के अलावा घर के बैकयार्ड में लौकी और करेला जैसी सब्जियां उगाते हैं। तोरी और फूलगोभी जैसी सब्जियां भी उनके टैरेस गार्डन में मिल जाती हैं। 'मंगलम फूड्स' के नाम से निर्धारित मूल्य पर इन सब्जियों को बेचा जाता है।
फलों को भी उपजाते हैं
सब्जियों के अलावा Punnoose Jacob के बगीचे में मैंगोस्टीन, चीकू और आम सहित अलग-अलग फलों की भी कई प्रजातियां उगाई जाती हैं। पुन्नूस की गार्डनिंग की खासियत एक ही मिट्टी का बार-बार उपयोग करना है। बगीचा तीसरी मंजिल पर होने के कारण मिट्टी ढोना आसान नहीं है। ऐसे में फसल का एक चक्र पूरा होने के बाद वे मिट्टी में उर्वरक मिलाते हैं। एक बार में कुल मिट्टी का आधा ही उपयोग किया जाता है। बाकी आधा बाद में इस्तेमाल के लिए छोड़ दिया जाता है। इससे पौधों के बेहतर विकास में मदद मिलती है।
बेस्ट किसान का अवॉर्ड भी मिला
पुन्नूस को केरल के बेस्ट टेरेस फार्मर ऑफ़ द डिस्ट्रिक्ट के सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। वे बताते हैं कि पुरस्कार मिलने के बाद उन्हें और अधिक सब्जियां उगाने की प्रेरणा मिली। मुनाफे से ज्यादा उन्होंने खेती से मिलने वाली मन की शांति और संतुष्टि को महत्व दिया। रिटायरमेंट के बाद उनका जीवन शांत और खुशहाल बना है।
हर दिन 20-25 किलो सब्जियां
Punnoose Jacob की 3500 स्क्वायर फ़ीट की छत पर हर दिन तक़रीबन 20-25 किलो सब्जियां उगती हैं। लगभग 20-25 किलो सब्जियां हर दिन तोड़ी जाती हैं और 'मंगलम फूड्स' नाम के अपने ब्रांड के तहत मार्जिन-फ्री सुपरमार्केट में भेजा जाता है। सब्जियां कुछ ही घंटों में बिक जाती हैं। खेती के साथ सफल बिज़नेसमैन की पहचान बना चुके पुन्नूस बाज़ार में डिमांड को देखते हुए 100 और ग्रो बैग्स लगाने की योजना बना रहे हैं। कहना गलत नहीं होगा कि उनकी कहानी शहर में रहने वाले बागवानों के लिए प्रेरणा है, खास तौर पर उन लोगों के लिए जो जमीन की कमी का रोना रोते हैं।
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