Edible Oil पर आत्मनिर्भर कैसे बनेगा भारत ? तिलहन उत्पादन बढ़ाने के उपाय जानिए
देश में खाद्य तेल के उत्पादन की मात्रा बढ़ाने के तरीकों पर मंथन किया जा रहा है। विशेषज्ञों ने तेलंगाना में तिलहन उत्पादन बढ़ाने के उपाय बताए हैं।
Edible Oil के लिए खेती-किसानी से जुड़े लोग तिलहन के उत्पादन पर जोर दे रहे हैं। नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स (ऑयल पॉम या NMEO) के तहत खाद्य तेल के उत्पादन की मात्रा बढ़ाने के तरीकों पर मंथन किया जा रहा है। कृषि और किसान कल्याण विभाग की पूर्व सचिव शोभना पटनायक ने बताया, कम समय में सफलता मिलने का एकमात्र तरीका ऑयल पाम को रोपण फसल (plantation crop) के रूप में घोषित करना और खाद्य तेल के आयात पर 0.5 प्रतिशत का उपकर लगाकर एक कॉर्पस फंड (corpus fund) बनाना है। इससे ताड़ उगाने वाले घरेलू किसानों को सुरक्षा मिलेगी।
कितना इंपोर्ट करता है भारत
रिपोर्ट के मुताबिक शोभना पटनायक ने शनिवार को प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय में भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान (Institute of Oilseeds Research alias IIOR) के वनस्पति तेल-2023 पर पांच दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा, हर साल करीब 1.4-1.5 करोड़ टन खाद्य तेल का आयात होता है। चार साल पहले आयात का मूल्य 75,000 करोड़ रुपये था।
आयात घटाने पर करोड़ों रुपये खर्च
बकौल पटनायक, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमतों में उछाल के कारण देश वर्तमान में खाद्य तेलों के आयात को कम करने के लिए 1,56,000 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। उन्होंने कहा, वृक्षारोपण के लिए ड्रिप सिंचाई को अनिवार्य बनाने की जरूरत है। ऑयल पाम उगाने के लिए सीमांत और उप-सीमांत भूमि की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि NMEO में निजी उद्योगों को भी आकर्षित करने की जरूरत है।
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कैसे बढ़ेगा तिलहन का उत्पादन
तिलहन उत्पादन बढ़ाने के उपायों का जिक्र कर पटनायक ने सुझाव दिया कि सब्सिडी और चावल की परती जमीन पर तिलहन की खेती से फायदा हो सकता है। बिंदुवार देखें सुझावों की सूची-
- नारियल के तेल का उत्पादन बढ़ाना
- उच्च और निम्न मूल्य के तेलों के सम्मिश्रण पर प्रतिबंध लगाना
- शुद्ध खाद्य तेलों की बिक्री को बढ़ावा देना
- डाउनस्ट्रीम घरेलू उद्योगों में अरंडी के तेल का उपयोग करना
- चावल के परती जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में तिलहन की खेती
- ICAR में सीड हब की स्थापना
- किसानों को सब्सिडी देकर उन्हें प्रोत्साहित करना और
किसानों को प्रोत्साहित करने के सुझाव
तिलहन और खाद्य तेल के बारे में कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष विजय पॉल शर्मा ने कहा, व्यापार नीति पर गौर करने की जरूरत है। आयात किए गए खाद्य तेलों की लागत न्यूनतम समर्थन (MSP) के मुकाबले भारत में तिलहन के उत्पादन लागत से कम नहीं होनी चाहिए। उन्होंने संभावित उपज और वास्तविक उपज के बीच का अंतर कम करने, वित्तीय ऋण प्रणाली से जोड़ने, नई तकनीक का उपयोग करने जैसे उपायों पर भी जोर दिया। विजय शर्मा ने कहा, तिलहन की अलग-अलग किस्मों का चुनाव, मशीनरी का उपयोग, प्रोसेस करने और मूल्य-संवर्धन के लिए बुनियादी ढांचा, एमएसपी का अधिकार समेत अन्य विकल्पों के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहन देने का सुझाव भी दिया।
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