
Telangana Palm Oil उत्पादन में कर सकता है कमाल, जानिए मंत्री केटीआर ने किसानों से क्या अपील की ?
Telangana Palm Oil उत्पादन में कमाल कर सकता है। आईटी और उद्योग मंत्री के टी रामाराव ने कहा कि किसानों को धान की खेती से दूर जाना चाहिए। किसानों को पाम ऑयल और तिलहन की खेती का विकल्प चुनना चाहिए। उन्होंने इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स (IVPA) एसोसिएशन के वैश्विक गोलमेज सम्मेलन में कहा कि ताड़ के तेल की खेती से खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी और किसानों को धान के सरप्लस उत्पादन से भी बचाया जा सकेगा।

धान के बदले दूसरी फसल क्यों ?
शुक्रवार को मंत्री केटी रामा राव (KTR) ने कहा, "सरकार के समर्थन और मार्गदर्शन से 20 लाख एकड़ धान को व्यवस्थित रूप से पाम ऑयल में बदलने का प्रयास किया जा रहा है"। राव ने बताया कि राज्य गठन के बाद केवल सात वर्षों में खेती का क्षेत्रफल दोगुना से अधिक हो गया। धान का उत्पादन 6.8 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़कर 25.9 मिलियन मीट्रिक टन (MT) हो गया। उत्पादन के परिणामस्वरूप भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने अतिरिक्त स्टॉक की खरीद में अपनी लाचारी व्यक्त की है।
10,000 एकड़ जमीन देगी सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार ने ताड़ के तेल, मूंगफली, सूरजमुखी, सोयाबीन और अन्य तिलहनों का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। इनका उत्पादन देश की आत्मनिर्भरता में योगदान देगा और आयात बिल को कम करने में सहायता करेगा। IVPA एसोसिएशन के सदस्यों के लिए तेलंगाना को एक आदर्श निवेश गंतव्य के रूप में पेश करते हुए मंत्री केटीआर ने कहा कि राज्य निवेश प्रस्तावों के आधार पर विशेष प्रोत्साहन की पेशकश करेगा। राज्य ने विशेष खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों के लिए लगभग 10,000 एकड़ जमीन निर्धारित की है, जिसकी योजना बनाई जा रही है।
एक लाख करोड़ का तेल खरीदा, 67 फीसद पाम ऑयल
IVPA एसोसिएशन में कृषि मंत्री एस निरंजन रेड्डी ने कहा कि वैश्विक आबादी को खिलाने के लिए हर साल करीब 22 करोड़ टन खाद्य तेल की जरूरत होती है। देश में तेल की डिमांड लगभग 22 मिलियन टन थी, जबकि घरेलू उत्पादन लगभग 10-12 मिलियन टन था। घाटे को आयात के जरिए पूरा किया गया। तेलों के आयात पर अनुमानित 90,000-1,00,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इनमें पाम ऑयल की हिस्सेदारी करीब 67 फीसदी है।
पाम ऑयल के उत्पादन को समर्थन
तेलंगाना के कृषि मंत्री एस निरंजन रेड्डी ने कहा कि राज्य ने खाद्य तेल की मांग के महत्व और क्षमता की पहचान की है। 20 लाख एकड़ में पाम ऑयल के उत्पादन को समर्थन देने की योजना तैयार की गई है। इस वर्ष 1.75 लाख एकड़ के लक्ष्य में से अब तक लगभग 40,000 एकड़ हासिल कर लिया गया है। राज्य में कृषि और संबद्ध गतिविधियां बड़े पैमाने पर रोजगार प्रदान कर रही हैं।
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