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'नायक' के अवतार में सीएम पुष्कर धामी, अचानक पहुंचे अपने विधानसभा क्षेत्र

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देहरादून, 27 अक्टूबर: आपने नायक फिल्म तो देखी ही होगी। इस फिल्म में एक दिन का मुख्यमंत्री बना अनिल कपूर जिस तरीके से अपने सूबे का कायाकल्प करता है। उससे वह अपनी कैशल क्षमता का प्रदर्शन करता है, जिसमें जनता वाह-वाही करने लगती है। उसी फिल्म से मिलता जुलता ट्रेलर आज खटीमा में दिखाई दिया। खटीमा क्षेत्र के विधायक पुष्कर सिंह धामी चूंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। जब भी वह मुख्यमंत्री बनने के बाद क्षेत्र में आए हैं उनका पूर्व निर्धारित कार्यक्रम तय रहा है, मगर मंगलवार को उनका दौरा रूटीन से हटकर दिखा।

Pushkar Singh

यूं तो मुख्यमंत्री के आने की सुगबुगाहट सुबह दस बजे से अफसरों को लग गई थी, मगर उनके आने की तस्वीर साफ दो बजे हो पाई। दोहपर 2:50 पर चौपर खटीमा के पॉलीप्लैक्स कारखाने के मैदान पर मडराने लगा। जिले से डीएम, एसएसपी से लेकर हर उच्चअधिकारी नीचे और सीएम का हैलीकॉप्टर ऊपर। हाथों में गुलदस्त लिए भले ही हर कोई उनके स्वागत की आगवानी की तैयारी में था मगर जवान पर सवाल तैर रहा था कि आखिर मुख्यमंत्री का अचानक आगमन कैसे। मगर पूछे कौन। मुख्यमंत्री का चॉपर उतरता है। सीएम साबह उतरते हैं सब लोग उनकी आगवानी करते हैं। वह भी बिना लावलस्कर सुरक्षा दस्ते के सभी से आत्मीता के साथ मिलते हैं, हालचाल पूछते हैं। लेकिन उनके कदम लगातार आगे बढ़ते चले जाते हैं।

अफसरों में पीछे-पीछे कानाफुसी भी हो रही है कि आखिर सीएम साहब जाऐंगे कहा। मगर पूछे कौन। खैर मुंख्यमंत्री अपनी कार में सावर हुए। आगे फ्लीट और पीछे अफसरों और नेताओं का काफिला। अपने क्षेत्र से पूर्व से परिचत धामी सबसे पहले आश्रम पद्धति जाकर पहुंचते हैं। फिर दिन भर अपने सारे ड्रीम प्रोजेक्टों को अपनी नजरों से देखते हैं शाम को समीक्षा बैठक में अधिकारियों को डेड लाइन तय कर दी जाती है। देर रात को कार्यकर्ताओं को चुनावी तैयारियों का पाठ पढ़ाया जाता है और सुबह देहरादून की तैयारी। इस तरह उनका आज दौरा पूरे क्षेत्र ही नहीं जिले में चर्चा का विषय बना रहा है।

खटीमा पहुंचने पर सवा तीन बजे सीएम का काफिला सबसे पहले आश्रम पद्धति की ओर मुड जाता है। तभी अधिकारी व कार्यकर्ता समझ जाते हैं कि सीएम साहब अपने क्षेत्र के ड्रीम प्रोजेक्टो का जायजा लेने आए हुए हैं। सीएम धामी आश्रम विद्यालय का निरीक्षण करते हैं जहां वे 4.32 करोड की लागत से बन रहे छात्रावास भवन को देखते हैं। इसके बाद वे सीएम का काफिला वहां से चलता है और सीधे धान क्रय केंद्र मंडी समिति में। वहां पहुंचते ही आढ़ती और दूर दराज से आज किसान वहां के कर्मचारी भैचक रह जाते हैं आखिर यह अमला है किसका। सीएम जब गाड़ी से उतरते हैं तो बिना सुरक्षा अमले के मौजूद धामी को देर हर कोई हैरान होते हैं। सीधे किसान से रुबरु होते हैं बोले परेशान क्या है धान तौल में कोई परेशानी है तो बताओ।

अपने बीच सरल और सहज से खड़े एक मुख्यमंत्री को देख किसान भी प्रफुल्लित होते हैं। किसानों ने सीएम को अपनी पीढ़ा बताई कहा बारिश से धान काल और खबरा हो रहा है। कहा इस बार फसल अच्छी बेचने की उम्मीद थी पर बारिश ने उने उनकी उम्मीदों को ही धो डाला। सारा सोना काला पड़ गया है। कहा दूरसों को पेट भरना तो दूर इस बार अपना ही भर वह बहुत है। यह सुन सीएम ने भाउक हुए उन्होंने ढांढंस बधाया कहा चिंता मत करो मै इसिलिए आया हूं। इस पर अधिकारियों से किसान को नमी पर परेशान करने की हिदायत दी। तोल में किसी प्रकार की गड़बड़ी के बारे में पूछा। किसानों ने उससे भी अवगत कराया।

इसके बाद मुख्यमंत्री का काफिला शहीद स्मारक स्थल पहुंचे। नौ नंबर को राज्य स्थापना दिवस है धामी के विधायक रहते भी यह इच्छा रही कि स्मारक की नींव रखें। सौभाग्य की बात है कि धामी खुद सीएम हैं और वह चाहते हैं कि वह किसी भी हाल में स्थापना दिवस पर लोकापर्ण हो। इस पर उन्होंने अधिकारियों से बजट और त्रीवता के बारे में जानकारी ली। उन्होंने 8 नंबर तक तैयार करने को कहा। अधिकारी भी मुख्यंत्री की मंशा को भांपकर स्थापना दिवस से पूर्व तैयार होने की बात कहते हैं। इतना सुन धामी का काफिला पूर्व सैनिक के लिए पुराने अस्पताल में अस्थाई कैंटीन स्थल पर पहुंचे। जहां पर काम चल रहा था।

र्निर्माणाधीन एकलव्‍य विद्यालय पहुंचता हैं। जहां पर वे निर्माण ईकाई के अधिकारियों से कब तक तैयार होने की जानकारी लेते हैं और बजट की बात पूछते हैं अधिकार बतातें है कि बजट की कोई कमी नहीं है। जिसपर सीएम आंखे टेड़ी हो जाती हैं कहते हैं जब बजट पूरा है तो काम अधूरा क्यों है। जिसकी समय सीमा तय करते हुए सौ बेड के नागिरक अस्पताल पहुंचते हैं। वह सरकारी अस्पताल जो कोरोना काल में सीमांत वासियों के लिए जीवनदान देने वाला साबित हुआ वह भी विधायक धामी के प्रयास से। लेकिन वही विधायक आज मुख्यमंत्री है तो उसकी सुविधओं में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। इसलिए वह सीधे पहुंचे। डाक्टर से लेकर नर्स तक सारा स्टाफ अपने-अपने काम में लगे थे।

सीएम आदर सतकार को छोड़े सीधे भर्ती मरीजों के बीच पहुंचे। उन्होंने सिर्फ और सिर्फ अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में पूछा उपचार हो रहा है डाक्टर मिल रहे हैं कि नहीं। दवाएं मिल रही हैं दवाएं मिल रही हैं। बाहर की दवा तो नहीं लिख रहे हैं। ये सारे सवाल मरीज व उनके तीमारदारों से हुए। जहां मरीजों ने अस्पताल की सेवाएं को बेहतर बताया। सीएम ने प्रभारी सीएमओ डा.सुनीता रतूड़ी से अस्पताल में किसी भी चीज की जरुरत हो तो सीधे बताया जाए। इसके बाद वह बस अडडे व बाइपास स्थल पर पहुंचे। जहां उन्होंने जल्द निर्माण शुरू कराने को कहा। दोपहबर बाद सिलसिल चलता रहा सीएम आगे-आगे अधिकारी पीछे-पीछे चलते रहे। वे केवल दिमाग में अनुमान ही लगाते रहे सीएम अब कहां जाऐंगे। सीएम को जो मिलता रास्ते में उससे मिलने रुकते और चलते गए।

इस तरह तय की काम की डेड लाइन

  • 1-आश्रम पद्वति के जनजाति छात्रावास-परियोजना प्रबंधक एके त्यागी से 15 नवंबर तक कार्य पूरा करने।
  • 2-शहीद स्मारक-ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता पंकज कुमार को 8 नवंबर कार्य पूरा करने
  • 3-एकलव्य विद्यालय में पेजयल निगम के परियोजना प्रबंधक एके त्यागी से निर्माण कार्य की जानकारी लेते हुए 15 दिसंबर तक कार्य पूरा करने
  • 4-सीएसडी कैंटीन के लिए उन्होंने दूरभाष पर कर्नल बीबी चंद से वार्ता कर एक माह के भीतर कैंटनी शुरु करने को कहा।
  • 5-बाइपास निर्माण-एनएचआई के अधिकारियों को दिसंबर तक कार्य करने
  • 6-रोडवेज बस स्टेशन हेतु विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से कार्य जल्द शुरु करने

यह रहे अधिकारी रहे मौजूद

जिलाधिकारी रंजना राजगुरु, एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर, सीडीओ आशीष भटगाई, एडीएम जयभारत सिंह, विकास कार्या के नोडल अधिकारी केएस ब्रजवाल, एएसपी ममता बोहरा, प्रमोद कुमार, प्रभारी सीएमओ डॉ.सुनीता रतूड़ी, एसडीएम निर्मला बिष्टï, सीओ मनोज ठाकुर, तहसीलदार युसूफ अली, झनकईया थानाध्यक्ष दिनेश फत्र्याल।

यह कार्यकर्ता रहे मौजूद

नानकमत्ता विधायक डॉ.प्रेम सिंह राणा, किसान आयोग के उपाध्यक्ष राजपाल सिंह, मंडी चेयरमैन नंदन सिंह खड़ायत, भाजपा जिलमहामंत्री हिमांशु बिष्टï, टीवीएस अध्यक्ष गोपाल बोरा, दिनेश मंगला, अजय मौर्या, विधानसभा प्रभारी कमलेंद्र सेमवाल, अमित पांडे, नवीन कन्याल, दिगंबर कन्याल, सतीश गोयल, संतोष अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल, रमेश जोशी, अजय सिंह अज्जू, ईश्वरी पांडे, दीपक तिवारी, भवानी भंडारी, धर्मवीर खोलिया, मोहनी पोखरिया, विमला बिष्टï, राजेंद्र बिष्टï, मनोज बाधवा आदि मौजूद थे।

आशा कार्यकत्र्रियों ने जताया आभार

नागरिक अस्पताल पहुंचने पर आशा कार्यकत्र्रियों ने सीएम धामी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी सरकार ने उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया। पहली बार उनकी सरकार ने उनके बारे में सोचते हुए मानदेय बढ़ाया है। जो सराहनीय पहल है।

चिरोंजी के ठेले पर मूंगफली लेने पहुंचे सीएम

सीएम धामी विकास कार्यों के निरीक्षण के दौरान सितारगंज रोड पुराने अस्पताल के पास चिरोंजी लाल मूंगफली वाले के ठेले पर आ पहुंचे। जहां उन्होंने उससे मूंगफली लेने के साथ उसका हालचाल पूछा। पूर्व में धामी अक्सर उसके ठेले पर रुककर मूंगफली खाया करते थे। इसके अलावा धामी नरपत राम कोहली व अनमोल व निकिता अग्रवाल से मिलने उनकी दुकान पर भी पहुंचे।

देवस्थानम बोर्ड: हाईपावर कमेटी ने सीएम धामी को सौंपी अंतरिम रिपोर्ट, अब सरकार पर टिकी निगाहेंदेवस्थानम बोर्ड: हाईपावर कमेटी ने सीएम धामी को सौंपी अंतरिम रिपोर्ट, अब सरकार पर टिकी निगाहें

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English summary
Pushkar Singh Dhami reached Khatima all you need to know
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