हरियाणा सरकार की खास तकनीक के साथ अब किसान सेमग्रस्त जमीन पर भी कर सकेंगे खेती
हरियाणा सरकार की खास तकनीक के साथ अब किसान सेमग्रस्त जमीन पर भी कर सकेंगे खेती
नई दिल्ली। हरियाणा के किसानों को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने किसानों को सेमग्रस्त भूमि में खेती करने का मौका मिल सकेगा। सरकार इन जमीनों को खास तकनीक से खेतीहर बनाने में मदद करेगी। सरकार इसके लिए किसानों की मदद को आगे आई है। राज्य सरकार सेमग्रस्त भूमि का खास तकनीक से उसका ट्रीटमेंट करने का प्लान तैयार किया है। इसकी पहल की जा चुकी है। सरकार सरफेस ड्रेनेज तकनीक से सेमग्रस्त भूमि के नीचे से पानी निकालेगी। इस समस्या से जूझ रहे किसानों की मदद के लिए सरकार ने एक पोर्टल बनाया है और किसान सहायता प्राप्त करने के लिए इस पर रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं।
सेमग्रस्त एक लाख एकड़ जमीन को उपजाऊ बनाने का लक्ष्य
हरियाणा में किसानों की कमाई बढ़ाने के प्रयासों के तहत प्रदेश सरकार ने इस साल एक लाख एकड़ सेमग्रस्त और लवणीय भूमि को उपजाऊ बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 3662 किसानों ने 21 हजार एकड़ सेमग्रस्त और कल्हड़ भूमि में फसल लेने के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर मदद मांगी है। हिसार, भिवानी, सिरसा, झज्जर, रोहतक और सोनीपत में करीब 20 हजार एकड़ सेमग्रस्त जमीन से पानी निकालने का काम चल रहा है।
सर्वे के अनुसार प्रदेश में उपलब्ध कुल 52 लाख एकड़ कृषि भूमि में से करीब नौ लाख 83 हजार एकड़ भूमि जलभराव तथा लवणता से प्रभावित है। इसमें भी एक लाख 74 हजार एकड़ भूमि ऐसी है जिस पर कोई फसल नहीं हो पा रही। कुछ जमीन बंजर है तो कुछ सेमग्रस्त है जिसमें हर समय पानी जमा रहता है। सरकारी स्तर पर 12 जिलों में सेम की समस्या को चिन्हित किया गया है। खास बात यह कि सेमग्रस्त या बंजर भूमि को फसल लेने लायक बनाने के लिए प्रति एकड़ करीब 45 हजार रुपये का खर्च आता है जिसमें से किसान को सिर्फ 10 प्रतिशत राशि ही देनी पड़ती है।