ओडिशा: सतत आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा परिवर्तन पर आयोजित हुआ MIO कॉन्क्लेव'22
सतत् आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा परिवर्तन पर ओडिशा में ऊर्जा विभाग की तरफ से MIO कन्क्लेव आयोजित किया गया है। जिसमें कई एक्सपर्ट्स शामिल हुए।
ऊर्जा विभाग ने शुक्रवार को मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव'22 में 'सतत आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा ग्रोथ' पर शुक्रवार को एक सत्र आयोजित किया। इस सत्र में सतत भविष्य के लिए ऊर्जा परिवर्तन के सामान्य लक्ष्य की दिशा में सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों का मार्गदर्शन करने में सरकार की भूमिका को बताया गया।
भारत-जर्मन ऊर्जा कार्यक्रम के प्रमुख, GIZ डॉ. विनफ्रेड डैम ने विभिन्न सरकारी विभागों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के साथ-साथ विश्व स्तर पर ऊर्जा परिवर्तन योजना तैयार करने के अपने अनुभव को साझा किया। साथ ही बैठक में भारत के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को लागू करने के सबक पर चर्चा हुई। इसके अलावा परिवहन क्षेत्र में सतत ऊर्जा पहलों पर भी चर्चा की गई।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए प्रमुख सचिव, ऊर्जा निकुंज बिहारी ढाल ने कहा कि ओडिशा वर्तमान में राज्य के लिए एक बहु-क्षेत्रीय, दीर्घकालिक ऊर्जा कार्य योजना तैयार कर रहा है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि ऊर्जा संक्रमण न्यायसंगत और न्यायसंगत हो और स्थायी आर्थिक विकास की ओर ले जाए।
विकास आयुक्त-सह-अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने सत्र की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि ओडिशा के लिए स्वच्छ ऊर्जा एक प्रमुख प्राथमिकता है। हर साल राज्य चक्रवात जैसी मौसम की घटनाओं का खामियाजा भुगतता है, जो लोगों की आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। ऐसी मौसमी घटनाओं की वजह से राज्य को सामाजिक-आर्थिक कीमत चुकानी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि कोयले के बड़े भंडार वाले ओडिशा जैसे औद्योगिक राज्य के लिए ऊर्जा परिवर्तन के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति विकसित करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा का संचरण ऐसा होना चाहिए कि सामाजिक-आर्थिक विकास पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़े। क्योंकि ऊर्जा परिवर्तन किसी एक संगठन या एक विभाग का एजेंडा नहीं है। यह सरकारी विभागों, निजी क्षेत्र के साथ-साथ नागरिकों सहित सभी हितधारकों की सामूहिक जिम्मेदारी है।
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