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मध्य प्रदेश : टैक्स फ्री सामान, दवाई-मेडिकल उपकरणों को छोड़कर शेष सभी वस्तुओं के लिए ई-वे बिल अनिवार्य

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भोपाल, 24 मार्च। व्यापारिक संगठनों के विरोध के बावजूद मध्य प्रदेश में टैक्स फ्री सामान और दवाई-मेडिकल उपकरणों को छोड़कर शेष सभी वस्तुओं को एक जिले से दूसरे जिले में भेजने के लिए ई-वे बिल अनिवार्य कर दिया गया है।

e way bill

यह नियम 15 अप्रैल से लागू होगा। सरकार ने इसमें थोड़ी राहत जरूर दी है। ई-वे बिल एक लाख रुपये से ज्यादा कीमत के सामान पर जरूरी होगा। अभी तक 50 हजार रुपये से ज्यादा के माल पर इसकी जरूरत थी। माल का मूल्य टैक्स के साथ इससे अधिक होने पर ही ई वे बिल या माल पास लगता था।

गौरतलब है कि अब तक एक जिले से दूसरे जिले में केवल 2% सामान लाने और मंगाने के लिए ही ई-वे बिल लग रहा था। सरकार ने ई-वे बिल से बाहर रखे गए सामान के कोड नंबर जारी कर दिए हैं।

राज्य सरकार के वाणिज्यिक कर विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि पान-गुटखा, तंबाकू, खैनी, बीड़ी और सिगरेट के परिवहन पर ई-वे बिल की सीमा पहले की ही तरह 50 हजार ही रहेगी।

एक जिले से दूसरे जिले में होने वाले परिवहन में ई-वे बिल की अनिवार्यता न होने से पैमाने पर टैक्स की चोरी हो रही थी। अब नियम सख्त होने से राज्य सरकार को जीएसटी से मिलने वाले राजस्व में बढ़ोतरी होगी।

कौन जारी करेगा ई-वे बिल?

ई-वे बिल जारी करने की जिम्मेदारी वस्तु को भेजने वाले की है। अगर किसी वजह से माल भेजने वाले के पास जीएसटीएन का पंजीयन न हो तो माल खरीदने वाले को ई-वे बिल जारी करना होगा।

आम आदमी को मिली राहत

आम आदमी शहरों से माल लेकर दूसरे जिलों में अपने गांव ले जाते थे। माल का मूल्य कई बार 50 हजार से अधिक हो जाता था। इसे लेकर दुविधा रहती थी कि कहीं उसे ई-वे बिल तो नहीं लगेगा। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि उपभोक्ता के लिए यह ई-वे बिल जरूरी नहीं है। शर्त यह है कि उसने जहां से माल खरीदा हो, वो पंजीकृत डीलर हो।

गौरतलब है कि जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा कोरोना काल में परेशान व्यापारियों पर फिलहाल ई वे बिल की बाध्यता नहीं डालने का सुझाव दिया गया था। चैम्बर के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम दुबे का कहना है कि इससे माल की आवाजाही में कई तरह की समस्याएं आएंगी। प्रेम दुबे ने कहा नए ई-वे बिल के प्रावधानों को फिलहान एक साल तक स्थगित कर देना चाहिए।

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व्यापारी वर्ग अभी पूरी तरह से कोविड की मार से उभर नहीं पाया है। अधिवक्ता अभिषेक ध्यानी का कहना है कि प्रदेश के व्यापारियों ने राजस्व संग्रह में हर समय अपनी भूमिका निभाई है। शासन को भी व्यापारियों के हितों का ध्यान रखना चाहिए और पैनाल्टी लगाते वक्त व्यापारियों के साथ सहानुभूति पूर्वक पेश आना चाहिए।

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English summary
Madhya Pradesh E-way bill mandatory for all items except tax free goods, medicines and medical equipment
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