वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में बजा भारत का डंका, तेलंगाना ने जुटाया 21,000 करोड़ का निवेश
तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी और उद्योग मंत्री के टी रामाराव के नेतृत्व में दावोस गए एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में निवेश लाने में सफलता हासिल की है।
हैदराबादः तेलंगाना ने दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की सालाना बैठक के दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में करीब 21,000 करोड़ रुपये का निवेश जुटाने में कामयाबी हासिल की है। शनिवार को जारी एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में यह जानकारी दी गई। इसके मुताबिक, तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी और उद्योग मंत्री के टी रामाराव के नेतृत्व में दावोस गए एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में निवेश लाने में सफलता हासिल की है।
रामाराव
ने
कई
बड़े
लोगों
के
साथ
की
बैठकें
बयान
में
रामाराव
के
हवाले
से
बताया
गया
है
कि
डब्ल्यूईएफ
की
सभी
बैठकें
बेहद
कामयाब
रहीं
हैं
और
हम
इस
दौरान
21,000
करोड़
रुपये
का
निवेश
जुटाने
में
सफल
रहे।
दावोस
सम्मेलन
के
दौरान
रामाराव
ने
शीर्ष
वैश्विक
संगठनों
के
नेताओं
के
साथ
बैठकों
में
भाग
लिया
और
तेलंगाना
में
वृद्धि
संभावनाओं
के
बारे
में
बताकर
उन्हें
निवेश
के
लिए
प्रेरित
किया।
आज
की
बड़ी
खबरें
आपको
बता
दें
कि
इस
बैठक
में
भारत
की
ओर
से
भी
लोग
केंद्रीय
मंत्री
के
अलावा
कई
बड़ी
शख्सियतें
शामिल
हुईं।
दुनिया
भर
के
लोगों
ने
कई
बड़े
मुद्दों
पर
अपनी
बातें
रखी
हैं।
वर्ल्ड
इकोनॉमिक
फोरम
के
फाउंडर
और
एग्जीक्यूटिव
चेयरमैन
Klaus
Schwab
ने
कहा
है
कि
उन्होंने
भारत
के
मंत्रियों
और
उसके
शीर्ष
कारोबारियों
से
मुलाकात
की।
उन्होंने
कहा
कि
वे
देश
के
रिन्यूबल
को
लेकर
जलवायु
की
कोशिशों
पर
फैसले
की
सराहना
करते
हैं।
Schwab ने यह भी कहा कि इसके साथ वे ग्लोबल हेल्थकेयर इकोसिस्टम में भारत के योगदान, महिलाओं की अगुवाई वाले आर्थिक मॉडल और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर उसके नेतृत्व की भी सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक जियो-इकोनॉमिक और जियो-पॉलिटिकल संकट के बीच एक आकर्षक जगह है।
बयान में कहा गया है कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम भारत के साथ 38 साल का इतिहास साझा करता है। और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में उसकी जी-20 अध्यक्षता के दौरान देश के साथ पार्टनरशिप जारी रखने की ओर देख रहा है। भारत अपनी जी-20 की अध्यक्षता के दौरान दुनिया में सभी के लिए समान और न्यायिक ग्रोथ का प्रचार कर रहा है। Schwab ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता एक संवेदनशील समय पर आई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व इस बंटी हुई दुनिया में महत्वपूर्ण हो जाता है।