दिल्ली कैबिनेट ने स्मार्ट शहरी कृषि योजना को दी मंजूरी,छत और बालकनी में उगेंगी सब्जियां
दिल्लीवासी अब घर की छत और बालकनी में फल और सब्जियां उगा सकते हैं। दिल्ली सरकार इस काम को बेहतर तरीके से करने के लिए उन्हें प्रशिक्षित भी करेगी।
दिल्ली,30 जून: दिल्लीवासी अब घर की छत और बालकनी में फल और सब्जियां उगा सकते हैं। दिल्ली सरकार इस काम को बेहतर तरीके से करने के लिए उन्हें प्रशिक्षित भी करेगी। विशेषज्ञों समेत इसके लिए भारतीय कृषि शोध संस्थान से भी सरकार समझौता करेगी।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली कैबिनेट ने बुधवार को स्मार्ट शहरी कृषि योजना को मंजूरी दे दी है। सरकार का मानना है कि इससे अतिरिक्त रोजगार का सृजन होगा। घर की खपत के साथ कारोबार के मकसद से भी घर में फल व सब्जियां उगाने से कामकाजी आबादी बढ़ेगी। इसके साथ ही आम लोगों की भागीदारी से हरित क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी।
योजना
को
दो
भागों
में
बांटा
अरविंद
केजरीवाल
के
मुताबिक,
शहरी
कृषि
योजना
को
दो
भागों
में
बांटा
है।
एक
में
वह
लोग
हैं,
जगह
कम
होने
से
जो
अपने
घर
की
खपत
के
लिए
सब्जी
और
फल
उगाना
चाहते
हैं।
दूसरा
वह
लोग
जो
इसका
व्यापार
करना
चाहते
हैं।
मसलन,
अगर
कोई
गृहणी
छोटा-मोटा
काम
करना
चाहती
है
तो
इससे
उनके
परिवार
को
कुछ
अतिरिक्त
आमदनी
होगी।
एक
तरह
यह
रोजगार
उत्पन्न
करने
का
भी
एक
साधन
होगा।
इसके
लिए
सरकार
बड़े
स्तर
पर
विशेषज्ञों
को
साथ
जोड़ेगी।
वहीं,
भारतीय
कृषि
शोध
संस्थान
से
भी
समझौता
होगा।
वार्ड
स्तर
पर
400
के
करीब
वर्कशॉप
लगेंगी
जबकि
600
के
करीब
ऐसी
वर्कशॉप
लगेंगी,
जिसमें
लोगों
को
व्यापार
करना
सिखाया
जाएगा।
हर
वर्कशॉप
में
25
लोगों
को
शामिल
किया
जाएगा।
इस
तरह
उम्मीद
है
कि
योजना
का
पहले
साल
में
25,000
परिवारों
को
फायदा
होगा।
यह
है
शहरी
कृषि
शहरी
खेती
के
तहत
यदि
पर्याप्त
धूप
उपलब्ध
हो
तो
लोग
अपने
घर
की
छत
पर
फल,
सब्जियां
और
पौधे
उगा
सकते
हैं।
शहरी
खेती
से
लोगों
को
उन
खाद्य
उत्पादों
में
कीटनाशकों
और
हानिकारक
रसायनों
से
बचने
में
मदद
मिलेगी,
जिनका
वे
दिन-प्रतिदिन
उपभोग
करते
हैं।
साथ
ही
इससे
शहर
में
हरित
क्षेत्र
को
भी
बढ़ावा
मिलेगा।
दिल्ली
सरकार
का
हार्टिकल्चर
विभाग
इस
पहल
के
लिए
नोडल
विभाग
के
रूप
में
काम
करेगा।
दिल्ली
पर्यावरण
संरक्षण
समिति
का
होगा
गठन
इस
अभियान
को
बेहतर
तरीके
से
चलाने
के
लिए
दिल्ली
पर्यावरण
संरक्षण
समिति
का
गठन
होगा।
इसमें
एनजीओ,
आरडब्ल्यूए,
पर्यावरण
विशेषज्ञ,
एमएलए
और
पार्षदों
के
प्रतिनिधि
शामिल
होंगे।
इससे
वार्ड
स्तर
पर
होने
वाले
प्रदूषण
के
कारणों
और
उसके
निवारण
का
तंत्र
तैयार
करने
में
सहायता
मिलेगी।
योजना
का
मकसद
-दिल्ली
के
शहरी
इलाकों
में
रहने
वाले
लोगों
का
खेती
से
जुड़ाव
बढ़ेगा।
-शहरी
कृषि
पद्धतियों
पर
प्रौद्योगिकी
हस्तांतरण
होगा।
-दिल्ली
में
खेती
की
जरूरतों
पर
प्रोत्साहन
के
साथ-साथ
ज्ञान
आदान-प्रदान
होगा।
-दिल्ली
के
नागरिकों
से
लगातार
जुड़ाव
और
बड़े
पैमाने
पर
शहरी
खाद्य
आंदोलन
को
बढ़ावा
मिलेगा।
-शहरी
कृषि
उद्यमिता
विकास
के
लिए
प्रशिक्षण
की
जरूरतें
पूरी
होंगी।
-आधुनिक
शहरी
खेती
के
कई
पहलुओं
के
तहत
हरित
नौकरियों
में
वृद्धि
होगी।