सहायक शिक्षकों के आश्रितों को नौकरी देने की शर्तों में बदलाव, शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश
रांची,26 अक्टूबर : झारखंड की सरकार सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षक) के आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी देने की शर्तों में बदलाव करने जा रही है। दरअसल, राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है
रांची,26 अक्टूबर : झारखंड की सरकार सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षक) के आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी देने की शर्तों में बदलाव करने जा रही है। दरअसल, राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें। साथ ही शिक्षकों को ईपीएफ लाभ देने, शिक्षक कल्याण कोष के गठन की प्रक्रिया को भी पूरा करें।
शिक्षा मंत्री ने इन विषयों का प्रस्ताव झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यकारिणी परिषद की बैठक में रखने को कहा है। बता दें कि इसी साल फरवरी माह में पारा शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनाई गई। शिक्षक इन शर्तों में बदलाव की मांग कर रहे थे।
झारखंड सहायक अध्यापक सेवा नियमावली-2021 के मुताबिक, कार्य अवधि के दौरान यदि किसी पारा शिक्षक की मृत्यु हो जाती है तो उस स्थिति में शिक्षक की अर्हता पूरी करने पर मृतक के एक आश्रित को अनुकंपा पर नौकरी दी जाएगी। नियमावली की शर्त के मुताबिक, अनुकंपा पर नौकरी तब ही मिल सकती है जब आश्रित शिक्षक बनने की योग्यता रखता हो। यदि मृतक के आश्रित ने शिक्षक पात्रता परीक्षा, शिक्षण प्रशिक्षण परीक्षा पास न की हो, तो उन्हें नौकरी नही मिल सकती। राज्य में पिछले पांचवर्ष से शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं हुई। ऐसे में किसी को अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिल रही थी।
हालांकि, अब शिक्षा में ने इस सेवा नियमावली में बदलाव करने का निर्देश दिया है। इसके बाद अगर किसी मृतक शिक्षक के आश्रित शिक्षक बनने के मापदंड को पूरा नहीं करते हैं, तो उनकी नियुक्ति योग्यता के अनुसार अन्य पदों पर की जाएगी. नियुक्ति समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित योजनाओं में की जा सकती है।
सेवा नियमावली में बदलाव तब ही होगा जब झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यकारिणी परिषद द्वारा इसे स्वीकृति दी जाएगी। नियमावली संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। सेवा शर्त नियमावली बनने के बाद से करीब पचास सहायक शिक्षकों की मौत हो चुकी है। पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संजय दुबे के मुताबिक, अब तक एक भी शिक्षक के आश्रित को नौकरी नहीं मिली है।